ब्यूरो रिपोर्ट
सीतामढी जिला सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित हो।
संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के 22वें स्थापना दिवस पर धनुषी म वि प्रांगण मे मोर्चा के जिलाध्यक्ष जलंधर यदुबंशी की अध्यक्षता मे ‘किसान महापंचायत’आयोजित किया गया।जिसमे मोर्चा तथा पडोस के ग्रामीण किसानो ने सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर बिहार सरकार से आपदाग्रस्त सीतामढी जिला को सूखाग्रस्त घोषित करने के साथ जीवन-यापन तथा नई खेती के लिए इनपुटअनुदान के साथ फसल बीमा का भुगतान कराने के साथ परमानन्दपुर पावरग्रिड ग्रिड से प्रभावित सभी किसान-मजदूरो को उचित मुआबजा की मांग की।
महापंचायत मे महागठबंधन सरकार के घटक दलों से आग्रह किया गया कि किसानआन्दोलन को एम एसपी पर कानून बनाने सहित जिन मुद्दों पर समर्थन दिया था उन पर शीघ्रअमल हो।किसानआन्दोन को केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये लिखित समझौते पर अमल के लिए बिहार सरकार किसान हित में केन्द्र सरकार पर दबाव बनाये।
इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों तथा उनके सदन के नेताओं को शीघ्र पत्र भेजा जायगा।

महापंचायत ने बिहार मे एपीएमसी की बहाली के साथ सभी कृषि उत्पादों की खरीद सुनिश्चित कराने,नये पेराई सत्र में गन्ना का मूल्य 6सौ रू क्विंटल घोषित कराने,नये सत्र मे हर हाल में रीगा चीनी मिल चालू कराने तथा किसानो के बकाये करीब 125 करोड का भुगतान कराने,सीतामढी जिले के परमानन्दपुर पावरग्रिड के हाई टेंशन तार तथा टाबर से खेतों तथा गांवों की बर्बादी से प्रभावितों को उचित मुआबजा दिलाने,सिचाई के बंद श्रोतों को पुनर्जीवित कर सिंचाई सुलभ कराने,रब्बी सीजन के लिए बीज,उर्वरक तथा डीजल की नि:शुल्क आपूर्ति कराने संबंधी बारह सूत्री प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा जायगा।
मोर्चा के उतर बिहार केअध्यक्ष डा आनन्द किशोर ने कहा कि कृषि प्रधान बिहार के किसानों तथा खेतिहर मजदूरो की खेती की लागत बढने,उपज में कमी तथा एमएसपी मूल्य नही मिलने से जीवन संकट में हैं।जलवायु परिवर्तन से आपदा का प्रकोप बढा है।बिहार सरकार को किसानों के निरंतर बढते संकट पर समग्रता में विचार करने की जरूरत है।मौके पर मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष चन्द्रदेव मंडल,नन्दकिशोर मंडल,विशिष्ट अतिथि माकपा नेता वरिष्ठ अधिवक्ता रामपदारथ मिश्र,ओमप्रकाश,मोर्चा के महासचिवअशोक कुमार सिंह,राकेश कुमार सिंह,रीगा के महासचिव रामपुकार साह,नरेन्द्र यादब,मुरारी यादव,नागेंद्र राय,लोरिक यादव,शिवम कुमार,नागेश्वर साह,सुधीर यादव,अंगद यादव सहित अन्य किसान नेताओ ने विचार व्यक्त करते हुए कहा प्रस्ताव पर सरकार अमल नही करती तो आन्दोलन तेज होगा।

