ब्यूरो रिपोर्ट
पुरुष के मुकाबले ज्यादातर महिलाएं गठिया से पीड़ित
15 प्रतिशत आबादी गठिया की चपेट मे,गठिया दर्द मे फिजियोथेरेपी कारगर- डॉ राजेश
आर्थराइटिस या जोड़ो का दर्द व जकड़न एक गंभीर बीमारी है। इस समय देश की पूरी जनसंख्या में से करीब 15 प्रतिशत लोग गठिया की चपेट में हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि देश में आर्थराइटिस से जुड़े मरीजों की संख्या बहुत बढ़ रही है। भारत में लगभग 18 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।

विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर आई ए पी सीतामढ़ी शाखा के संयोजक डॉ राजेश कुमार सुमन ने यह बाते इंडियन एसोशिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट, सीतामढ़ी द्वारा आचार्य सुदर्शन लायंस सेंट्रल आई हॉस्पिटल के सभागार मे आयोजित जागरूकता कार्यक्रम मे कही.

डॉ राजेश ने कहा की, बदलते परिवेश में यह बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में ज्यादा ले रहा है। यह रोग किसी एक कारण से नहीं होता। विटामिन डी की कमी से मरीज की अंगुलियों, घुटने, गर्दन, कोहनी के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगती है। इस बीमारी पर काबू पाने के लिए फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज रोजाना करना चाहिए। जंक फूड से परहेज करना जरूरी हैl
डॉ. राजेश ने बताया कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं आर्थराइटिस की चपेट में ज्यादा आती हैं। खानपान में परहेज न करना इसका मुख्य कारण है।शरीर में गठिया पैदा न हो, इसके लिए नियमित व्यायाम करना और संतुलित भोजन लेना चाहिए, क्योंकि शरीर में गठिया एक बार विकसित हो जाता है तो इससे कई और तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं।

वही कार्यक्रम मे उपस्थित डॉ स्मिता सिंह ने कहा कि गठिया से पहले जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है, फिर यह अपने विकराल रूप में आते-आते उठने-बैठने और चलने-फिरने में परेशानी पैदा करने लगता है। शरीर का वजन भी बढ़ने लगता है। मोटापे से जहां हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अस्थमा,
कोलेस्ट्राल, बांझपन समेत अनेक तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं, वहीं शरीर में गठिया के बने रहने से रक्तचाप और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज और मुश्किल हो जाता है.
डॉ गौरी शंकर प्रसाद एवं डॉ हिमांशु कुमार ने बताया की यदि किसी को भी जोड़ों में जरा सा भी दर्द, शरीर में हल्की अकड़न है तो भी सबसे पहले अपने फिजियो थेरेपी डॉक्टर को दिखाएं। दिनचर्या को नियमित व फिजियो की देख रेख पर नियमित व्यायाम करें।
डॉ विमल कुमार मिश्रा, डॉ एम एन रहमान ,डॉ प्रसन्न कुमार, डॉ आलोक कुमार, डॉ अपेक्षा पंखुरी ने उपस्थित मरीजो को बताया की नियमित टहलें, घूमें-फिरें, व्यायाम करें। सीढ़ियां चढ़ते समय, घूमने-फिरने जाते समय छड़ी का प्रयोग करें।ठंडी हवा, नमी वाले स्थान व ठंडे पानी के संपर्क में न रहें।

घुटने के दर्द में पालथी मारकर न बैठें।
कार्यक्रम मे रूप बाला मेमोरियल ए एन एम ट्रेनिंग कॉलेज की छात्रा काजल कुमारी एवं आरती कुमारी द्वारा फिजियो थेरेपी संबंधित कसरत को नृत्य के माध्यम से मरीजो के बीच प्रस्तुत किया गया.
कार्यक्रम के अंत मे आई ए पी सीतामढ़ी द्वारा डॉ हिमांशु कुमार को कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
मौके पर दर्जनों मरीज, हॉस्पिटल स्टाफ समेत अन्य गन्यमान्य लोग मौजूद थे.
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