मो कमर अख्तर की रिपोर्ट
सीतामढ़ी- देश के प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान और लगभग दो दर्जन पुस्तकों के लेखक, इंडियन काउंसिल ऑफ फतवा एंड रिसर्च ट्रस्ट, बेंगलुरु, जामिया फातिमा लिल्बनात मुजफ्फरपुर के निदेशक मौलाना बदीउज्जमां नदवी कासमी की नई किताब, जिसमें तीन बहुत महत्वपूर्ण विषय शामिल है (1) नमाज तहजुद, इशराक, चश्त, आवाबीन और सलात अल-तस्बीह, समय, रकात और सद्गुण (2) कज़ा उमरी की वास्तविकता और इसकी शरिया स्थिति और (3) महिलाओं और पुरुषों की नमाज़ में अंतर क्यों और कैसे…? इस पुस्तक का विमोचन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष नाजिम नदवतु उलमा लखनऊ, इस्लामिक दुनिया के एक प्रसिद्ध मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी ने रायबरेली स्थित अपने आवास तकिया में किया।

मौलाना राबे हसनी ने संबोधित करते हुए कहा कि पुस्तक के लेखक मौलाना बदीउज्जमां नदवी कासमी उन प्रतिष्ठित लोगों में से हैं, जो आम मुसलमानों के सुधार के लिए लेख और किताबें लिखते रहते हैं। उनके लेखन से लोगों को बहुत फायदा होता है। तीन अति महत्वपूर्ण विषयों को समाहित करने वाली उनकी नई पुस्तक प्रकाशित हुई है, यह एक बहुमूल्य कृति है।
उन्होंने कहा कि नफ़ील की नमाज़ क़यामत के दिन कर्तव्यों की कमी की भरपाई करेगी। नफील की नमाज़ से गुनाह मिट जाते हैं। नफ़ील की नमाज़ अल्लाह का शुक्रिया अदा करती है। मौलाना ने कहा कि यह एक शोध पुस्तक है, इसलिए इस विषय पर उत्पन्न शंकाओं का समाधान इस पुस्तक से होगा। मौलाना ने पुस्तक के लेखक को बधाई दी और ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए दुआ की। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात से मौलाना ओबैदुल्लाह सिद्दीकी नदवी, मुजफ्फरपुर से मौलाना मुहम्मद हामिद नदवी, नदवतु उल उलमा के रजिस्ट्रार मौलाना डॉ हारून रशीद नदवी, दिल्ली के इंजीनियर वहीदउज्जमां समेत अन्य प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। समारोह का समापन हज़रत मौलाना राबे हसनी की दुआ के साथ हुआ।


