अमित कुमार की रिपोर्ट
सीतामढ़ी विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सोमवार को गैर संचारी रोग (एनसीडी) द्वारा जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम और चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने सदर अस्पताल और मंडल कारा में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नर्सिंग छात्राओं ने जागरूकता रैली भी निकाली। अपने संबोधन में डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि मानसिक रोग का अर्थ केवल दिमागी बीमारी नहीं होती है।

नशे की लत के आदी, किसी पारिवारिक परेशानी या अन्य कारणों से लोगों को नींद नहीं आना, रक्तचाप का बढ़ जाना मानसिक रोग की निशानी है। जिससे लोग कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। इसलिए सरकार द्वारा लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के उद्देश्य से जागरूक करने का निर्णय लिया गया है। इसी सिलसिले में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रम-
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जनमानस में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलायी गई एवं चिकित्सकीय परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। अस्पताल आने वाले मरीजों को मानसिक तनाव से बचने के बारे में जानकारी देते हुए उनकी काउंसिलिंग की गई। डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि जागरूकता के मकसद से स्वास्थ्य संस्थानों पर बैनर-पोस्टर, हैंडबिल, पम्पलेट लगाए गए। उन्होंने बताया कि आमजनों को मानसिक तनाव से दूर रखने व इससे बचाव के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। टॉल फ्री नंबर- 104 पर डायल कर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श ले सकते हैं।
मानसिक परेशानियों से ग्रसित लोग मनोचिकित्सक से सलाह लें
डॉ. सिन्हा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति में स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई होने, बार-बार नकारात्मक विचारों के आने, आदत, मन एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन आना, आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना, क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोध, उदासी या खुशी की लागातर अनुभूति होना मानसिक परेशानियों की निशानी है। इस प्रकार की परेशानियों से ग्रसित लोगों को स्वास्थ्य केंद्र के मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।


