अमित कुमार की रिपोर्ट
सीतामढ़ी कलम-दवात के देवता सह चित्रांश समाज के आराध्य श्री चित्रगुप्त जी महाराज की जयंती गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जिला मुख्यालय डुमरा के कैलाशपुरी मोड़ स्थित चित्रगुप्त मंदिर, कुमार चौक डुमरा स्थित गीता भवन परिसर, शहर के महंत साह चौक और निर्मला उत्सव पैलेस में धुमधाम से श्री चित्रगुप्त जी महाराज की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर चित्रांशों ने कथा सुनने के बाद आय-व्यय का लेखा-जोखा भी दिया।

भव्य मंगल आरती में हजारों लोग शामिल हुए। जिला मुख्यालय डुमरा चित्रगुप्त मंदिर में अखिल भारतीय चित्रगुप्त सेवा समिति के तत्वावधान में अध्यक्ष आशुतोष कुमार वर्मा उर्फ बमबम जी की अध्यक्षता में पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सांसद सह पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिटू,नगर विधायक मिथिलेश कुमार, सचिव रामरीझन लाल कर्ण, संगीत कुमार, ब्रजेश कुमार, रंजीत कुमार उर्फ पिन्टू सिंह, अमित कुमार, संतोष कुमार समेत दर्जनों गणमान्य लोगों ने भाग लिया।अखिल भारतीय श्री चित्रगुप्त सेवा समिति सीतामढ़ी कोर्ट डुमरा के तत्वावधान में गीता भवन परिसर में समिति के जिला सचिव कुमार अभिमन्यु श्रीवास्तव अधिवक्ता के नेतृत्व में श्री चित्रगुप्त भगवान का पूजा सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद उर्फ मोहन बाबू, उपाध्यक्ष सुबोध कुमार, कोषाध्यक्ष पंकज कुमार, ब्यवस्थापक अभिषेक कश्यप, संयुक्त सचिव देवेन वर्मा, संरक्षक इंजीनियर अंजनी कुमार वर्मा उर्फ सतीश बाबू, संरक्षक उमेश कुमार वर्मा, संरक्षक विपिन कुमार श्रीवास्तव, संरक्षक रंजन सिंघानिया, प्रोफेसर आनन्द प्रकाश वर्मा, ममता वर्मा, महेश्वर प्रसाद वर्मा, संरक्षक आनन्द कुमार पप्पू, संयुक्त सचिव ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव, अभय ज्योति फ्लैक्स, पंकज प्रकाश, अमित प्रकाश,मनोज कुमार विपुल, दीपक कुमार, अशोक कुमार झा,बैधनाथ भारती, विवेका श्रीवास्तव, संरक्षक राजू श्रीवास्तव,सुनील कुमार लड्डू,कामेश्वर प्रसाद, प्रभात रंजन आदि सैकड़ों चित्रांश के साथ रणजीत कुमार उर्फ पिंटू सिंह,डॉक्टर शत्रुघ्न यादव के साथ काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

घर-घर में हुई पूजा-अर्चना
सीतामढ़ी : चित्रांश समाज के आराध्य भगवान श्री चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना घर-घर में हुई। मंगलवार को चित्रांश समुदाय के लोगों ने तस्वीर रख कर अपने आराध्य देव की विधिवत पूजा-अर्चना की। शास्त्रों के अनुसार, सृष्टि की रचना के बाद परमपिता ब्रह्मा ने चार वर्ण बनाए। कुछ समय बाद यमराज ने चारों वर्ण के कर्मों के लेखा-जोखा रखने के लिए ब्रह्मा जी से सहायता मांगी। इसके बाद ब्रह्मा जी 11 हजार वर्षों के लिए साधना में लीन हो गए। तपस्या के बाद जब उन्होंने आंखें खोली तो अपने सामने कलम, दवात, पुस्तक व तलवार लिए एक युवक को पाया। ब्रह्मा के पूछने पर उक्त युवक ने बताया कि वह उनके चित में गुप्त रूप से निवास कर रहा था। उसने अपना नाम और काम ब्रह्मा जी से पूछा। अपने शरीर में गुप्त में रूप से रहने के कारण ब्रह्मा ने उनका नामाकरण चित्रगुप्त किया। कहा कि उनका काम प्रत्येक प्राणी द्वारा किए गए सत्कर्म और अपकर्म का लेखा रखना और उसके आधार पर सही न्याय कर उपहार या दंड की व्यवस्था करना है।
नगर में भव्यता के साथ हुआ श्री चित्रगुप्त पूजनोत्सव
श्री चित्रगुप्त पूजनोत्सव के अवसर पर पूर्व की तरह इस बार भी नगर के दीपक स्टोर्स गली स्थित निर्मला पैलेस में चित्रांश युवा मंच सह-चित्रांश महापरिवार की ओर से श्रद्धा पूर्वक एवं भव्यता के साथ पूजा अर्चना किया गया। पूजा में चित्रांश युवा मंच के अध्यक्ष राजू कुमार श्रीवास्तव ने बताया की महंथ साह चौक स्थित चित्रगुप्त मंदिर में पूजा अर्चना किया गया इसके तुरंत बाद बाद दीपक स्टोर्स गली स्थित निर्मला पैलेस में स्थापित मूर्ति का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना किया गया। इधर, पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय वर्मा ने बताया कि पूजा हर्षोल्लास से किया गया शुक्रवार को मूर्ति विसर्जन के बाद महाप्रसाद का भी आयोजन किया गया है। पूजा में विपुल कुमार, नवनीत कुमार, राकेश कुमार टुन्ना, संजय कुमार, रवि कुमार, बिक्की कुमार, प्रभात कुमार, गोलू कुमार, सन्नी श्रीवास्तव, राहुल कुमार, लल्लू जी, निखिल कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।


