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सीतामढ़ी सीता कुण्ड पुनौराधाम में प्रस्तावित सीता उद्भव मंदिर का निरीक्षण
पियूष सोमपुरा के नेतृत्व में तीन अभियंताओ के दल ने किया
30 महीने में बनकर तैयार हो जायेगा दिव्य मंदिर

ByFocus News Ab Tak

Nov 4, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट


सीतामढी गुजरात के प्रख्यात वास्तुविद पीयूष सोमपुरा के नेतृत्व में तीन अभियंताओ के दल गुरुवार की देर शाम पुनौराधाम के सीता कुण्ड निरीक्षण कर अपने प्रारूप के अनुसार 194×194 फीट की परिधि में दिव्य सीता उद्भव मंदिर के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान कर दिया।वास्तुविद श्री सोमपुरा ने बताया सीता कुण्ड के मध्य एक दिव्य सीता उद्भव मंदिर का निर्माण किया जायेगा।मंदिर के चारों ओर वास्तु शिल्प से संपन्न 61 दिव्य मीनारें तैयार कर मंदिर को विश्व स्तरीय अलौकिक स्वरूप प्रदान किया जायेगा।

हाथ में मोबाइल लिए वास्तुविद ई पीयूष सोमपुरा अभियंताओ के साथ व स्थानीय धर्मानुरागी

उन्होंने बताया कि त्रेता युग में इसी पुण्य भूमि के इसी स्थान से विदेह राजा जनक के हल परिचालन के दौरान आदि शक्ति भगवती सीता का प्राक्टय हुआ था।इस भूमि की गरिमा के अनुरूप महावीर मंदिर न्यास समिति पटना यहां दिव्य सीता उद्भव मंदिर निर्माण के लिए उनसे प्रारूप तैयार कराया है।प्रस्तावित दिव्य मंदिर के निर्माण में उत्कृष्ट मकराना पत्थर का इस्तेमाल होगा और तीस महीने यानि ढाई साल में बनकर तैयार हो जायेगा।इस प्रस्ताव को वे महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य श्री किशोर कुणाल जी के सम्मुख रखेंगे तथा इसी महीने के किसी शुभ तिथि को निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा।वे कथबलिया (चम्पारण) में विराट रामायण मंदिर के नींव खुदवा कर कर यहां आये थे और बतया कि इसी महीने के आठ तारीख से विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा। इसके बाद आचार्य श्री किशोर कुणाल जी की सहमति से सीता उद्भव मंदिर का निर्माण कार्य इसी महीने के शुभ तिथि प्रारंभ हो जायेगा।उनके साथ महावीर मंदिर पटना के वरीय अभियंता ई आई सी वर्मा तथा वास्तुविद ई नवरत्न रघुवंशी टीम में शामिल थे।

पुनौराधाम में अभिअंताओ के दल का स्वागत डा टी एन सिंह,त्रिपुरारी प्रसाद सिंह, धनुषधारी प्रसाद सिंह,आश नारायण ठाकुर,श्रवण कुमार,रंजन कुमार तथा राम शंकर शास्त्री ने किया।अभियंताओ ने जानकी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद बताया कि मंदिर दर्शन के दौरान एक अलौकिक अनुभूति हुई और जगतजननी मां जानकी सीता के प्राक्टय स्थली पर पहुंच कर उनका मानव जीवन आज सफल हो गया है।सही मायने में यह महाशक्ति पीठ है क्योंकि इस पवित्रतम भूमि सम्पूर्ण शरीर के साथ आदि शक्ति जगतजननी जानकी सीता का प्राक्टय हुआ था।उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज परदादा प्रभा शंकर सोमपुरा को विश्व विख्यात सोमनाथ मंदिरनिर्माण करने का सौभाग्य प्राप्त था और उन्हें दिव्य सीता उद्भव मंदिर का निर्माण करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

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