मो कमर अख्तर की रिपोर्ट
सीतामढ़ी- सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी , साहित्यकार, कवि, वक्ता, पत्रकार, राजनेता, सांसद, प्रथम शिक्षा मंत्री, भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के शुभ अवसर पर जिला में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। अल- हिरा पब्लिक स्कूल प्रांगण में बड़े ही हर्षोल्लास से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। स्कूल के निदेशक मो शमशाद खान ने अबुल कलाम आजाद की जीवनी से बच्चों को अवगत कराया। देश की स्वतंत्रता में खिलाफ़त आंदोलन, असहयोग आंदोलन, कारावास का जीवन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता जैसे उनके योगदान पर प्रकाश डाला।


उन्होंने आइआइटी, एवं यूजीसी जैसे देश के महत्वपूर्ण संस्थानों की स्थापना की। संगीत- नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी स्थापित किया। उन्होंने हमेशा 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ़्त तथा अनिवार्य शिक्षा, कन्याओं की शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा पर जोर दिया। इस अवसर पर उनकी रचना तर्जुमानुल कुरान, रहमते रसूल, आज़ादी-ए- हिन्द, अंबिया- ए- किराम, खुतबाते कलाम, हक़ीक़ते ज़कात, शहादते हुसैन आदि पुस्तक का बच्चों ने कट-आउट तैयार किया। सारा आज़ाद, फलक, महजबीं, सुमैय्या, ख़दीजा, गुलाम रब्बानी, नुमान, इशामूल हक़, सारिया इरम, रुखसार, मंतशा, मो फैयाज और शहज़ाद ने उनके अनमोल कथन को उनके चित्र के साथ उद्धरित किया। छोटे बच्चों के बीच एक चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हुए सीतामढ़ी संघर्ष समिति ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्भट, विद्वान और विदुषी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया।
शहर के नामचीन स्कूल फ्रंट एज स्टडीज की निदेशिका अनुरंजना भारद्वाज को शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति में संगठन के अध्यक्ष मो शम्स शाहनवाज ने अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं कलम प्रदान कर सम्मानित किया। श्रीमती अनुरंजना भारद्वाज ने सम्मान ग्रहण करते हुए शिक्षा क्षेत्र में मौलाना आज़ाद के शैक्षणिक योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया।

टिनी टॉट्स स्कूल के प्रखर निदेशक एवं शिक्षाविद् एहतेशाम हुसैन, चिन्मया इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर एजुकेशन नम्रता ठाकुर और जामिया मदीनतुल मारिफ मिर्जापुर के नाजिम मौलाना मुफ्ती फैयाज अहमद को शॉल, मोमेंटो, कलम आदि देकर सम्मानित किया गया। उक्त अवसर पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष शम्स शाहनवाज ने कहा कि मौलाना आज़ाद ने स्वतंत्र भारत की आधुनिक शिक्षा का बुनियाद रखा। जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी, यूजीसी आदि राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान उन्हीं की देन हैं। दुर्भाग्य है कि फिरकापरस्त ताकतें आज शिक्षा संस्थानों की मर्यादा को खत्म कर देना चाहती है।
मौके पर संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार नील, अख्तर रजा खान, संजय बिररख, राहुल रमेश गुप्ता, विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक और स्टूडेंट्स भी उपस्थित थे।
वहीं सोनबरसा प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय भुतही बाजार में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाई गई। प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के द्वारा मौलाना आजाद के जीवनी पर प्रकाश डाला गया।