सीतामढ़ी जगत जननी माता सीता की जन्म भूमि पर श्री राम कर्म भूमि न्यास के द्वारा निकली श्री राम रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया और महाराज जनक की मिथिला राज्य की राजधानी जनकपुर धाम के लिए रवाना हुआ।रथ प्रभारी बाबा सत्यनारायण मौर्य के नेतृत्व में श्री राम माता सीता के रजत निर्मित पदचिन्हों को श्रीलंका भारत के विभिन्न राज्य में दर्शन कराया गया।साथ ही श्री राम जन्मभूमि के मिट्टी से निर्मित पद चिन्ह सभी मंदिरों में स्थापित किए गए।

जनकपुर धाम नौलखा जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रौशन दास श्री वैष्णव जी ने श्री राम रथ यात्री का स्वागत अंगवस्त्र से किए।साथ ही माता जानकी मंदिर में पद चिन्ह की पूजा की गई। भक्ति भाव से माहौल भक्तिमय हो गया।
श्री राम रथ यात्रा के संयोजक भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के नेतृत्व में संस्कृति समागम सफलतापूर्वक आयोजन बक्सर में हुआ।वही से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री राम रथ यात्रा को झंडी दिखा कर विदा किए ।श्रीराम कर्मभूमि से निकली यात्रा श्री राम जन्मभूमि अयोध्या धाम का दर्शन किया ।तत्पश्चात आज सीता की जन्मभूमि पुनौरधाम पहुंची ।मंदिर के पुजारी ने वैदिक मंत्रों से विराजमान सियाराम की मूर्तिपूजन की।रथ पर वीर हनुमान ध्वज लिए विराजमान थे।यही पर आरती स्तुति प्रार्थना कर श्री राम रथ यात्रा का विराम हुआ।भाजपा मिडिया प्रभारी आग्नेय कुमार एवम बिहार भाजपा आई टी क्षेत्रीय प्रभारी आयुष झा सीतामढ़ी से रथ यात्रा के साथ रहे।श्री राम रथपर विराजमान प्रभु श्री राम माता जानकी और राम दरबार की पूजा अर्चना की ।

साथ ही जानकी मंदिर के पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजा अर्चना की। बाबा सत्यनारायण मौर्य ने जनकपुर धाम को ननिहाल बताया।प्रभु श्रीराम के पद चिन्ह की पूजा अर्चना की। बाबा सत्यनारायण मौर्य ने कहा माता सीता की जन्मभूमि दिव्य भूमि है और सीताराम विवाह प्रसंग अलौकिक प्रसंग है।इसी पुण्य भूमि पर माता सीता से प्रभु श्री राम का विवाह संपन्न हुआ।भारत नेपाल समेत विश्व की एकता के आधार सियाराम है ।रथ यात्रा के माध्यम से पूर्व में सम्पूर्ण भारत के राम वन गमन क्षेत्र भ्रमण हुए।श्री लंका में भी पूजन हुए।भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या धाम ,भगवान राम की कर्मभूमि बक्सर, और मां सीता की जन्म भूमि पुनौराधाम सीतामढ़ी का दर्शन किया गया।अब रथ यात्रा के साथ महाराज जनक के राजधानी जनकपुर धाम में भव्य स्वागत भक्तो ने किया।
इस रथ पर विराजमान प्रभु श्री राम और माता जानकी के पद चिन्ह की पूजा अर्चना की गई। सामाजिक समरसता और एकता के लिए देश की अखंडता के लिए ,वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा लिए और सनातन संस्कृति की विजय गाथा को स्मरण करते हुए रथ यात्रा का आयोजन किया गया।

पदचिन्हों को मंदिर में विराजमान कराया। प्रभु श्री राम जन्मभूमि के पावन रज कण को मंदिर के पुजारी को दिया और भक्तों को राम जन्मभूमि की मिट्टी दिए।
रथ यात्रा के साथ बहन प्रेमा दीदी,भारत सरकार केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के निजी सहायक संतोष शांडिल्य ,केंद्रीय मंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज मिश्रा ,भाजपा जिला मीडिया प्रभारी आग्नेय कुमार, आई टी क्षेत्रीय प्रभारी आयुष झा ,जनकपुर धाम का दर्शन किए।दर्शन के पश्चात इन्होंने बताया प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या धाम की तरह माता सीता की जन्मभूमि भी उतनी ही महान है। बक्सर में प्रभु श्री राम की कर्मभूमि मानी जाती है। जहां दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ ।और संस्कृति समागम के माध्यम से भव्य आयोजन भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन में हुआ ।जनकपुर धाम भारत नेपाल रिश्ते के मजबूती का मूल तत्व है।सांस्कृतिक धार्मिक आस्था का प्रतीक है।श्री राम का माता सीता से विवाह की भूमि वंदनीय और पूजनीय है।
श्री राम रथ यात्रा के स्वागत में भाजपा मीडिया प्रभारी आग्नेय कुमार,क्षेत्रीय प्रभारी आयुष झा जनकपुर धाम तक की यात्रा की।फिर भिट्ठामोर के रास्ते सीतामढ़ी होते हुए रथ नई दिल्ली के लिए प्रस्थान किया।