सीतामढ़ी : जिले के चर्चित साहित्यकार उमाशंकर लोहिया का बीते रात निधन हो गया। सोनापट्टी स्थित अपने पैतृक आवास लोहिया भवन में उन्होंने अंतिम सांस ली। इनका प्रथम गजल संग्रह ” रहगुजर ” काफी सुर्खियां बटोरी। वही इनका कहानी संग्रह ” सप्तरंग ” का अभी विधिवत लोकार्पण होना था। साहित्य के प्रति समर्पित लोहिया जी के असामयिक निधन से जिले के सामाजिक व साहित्यिक जगत में शोक व्याप्त हो गया है। इनका अंतिम संस्कार बाईपास स्थित मोक्षधाम में किया गया। पाँच पुत्रियों, दामाद, नाती – नतनी के अलावा धर्मपत्नी और अपने छोटे भाई को छोड़ गए है। मुखग्नि अनुज बबलू लोहिया ने दी। श्री लोहिया जी के निधन की सूचना मिलते ही अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संगठन मंत्री वाल्मीकि कुमार, निवर्तमान जिलाध्यक्ष मुरलीधर झा मधुकर, साहित्यकार ऋषिकेश कुमार, बच्चा प्रसाद विह्वल, जितेंद्र झा आज़ाद, विनय चौधरी, राम किशोर सिंह चकवा, गीतकार गीतेश, कृष्णनंदन लक्ष्य, अलाउद्दीन बिस्मिल व गुफरान राशिद इनके घर पहुँचकर श्रधांजलि दी। वही अखिल भारतीय साहित्य परिषद की प्रदेश सचिव डॉ मीनाक्षी मीनल, एक नयी सुवह त्रैमासिक पत्रिका के संपादक डॉ दशरथ प्रजापति, चर्चित कहानीकार रामबाबू नीरव, वरीय साहित्यकार, सत्येंद्र मिश्र, आचार्य धीरेंद्र झा ” माणिक्य “, भगवती चरण भारती, प्रकाश वर्मा, विमल कुमार परिमल, राजेन्द्र सिन्हा, मो. डॉ मोबिनुल हक दिलकश, तौहीद अश्क व प्रीति सुमन, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ प्रतिमा आनंद, अनिल कुमार ( पूर्व सैनिक ), अधिवक्ता तेजनारायण यादव, मो. नेयाज, राजेश कुमार सुन्दरका, पंकज गोयनका, नरोत्तम व्यास, नीरज कुमार गोयनका, आग्नेय कुमार व भाजपा नेता मनोज कुमार समेत अन्य ने शोक व्यक्त किया है।