बिहार के सुशासन बाबू की सरकार में फर्जीवारा करने वालें जालसाजों की कमी नहीं है । सरकार के हुकमराने कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है । शिक्षा व्यवस्था और सिस्टम का पोल खोलती सनसनी खेज मामला जहा जाली कागजात पर 2459 मदरसों को संचालित किया जा रहा है सीतामढ़ी जिले में भी 88 मदरसे फर्जी कागजात पर संचालित किए जा रहे हैं और धड़ल्ले से सरकार से अनुदान की राशि भी प्राप्त की जा रही है इस पूरे मामले से पर्दा तब उठा जब सीतामढ़ी के मेहसौल निवासी अलाउद्दीन बिस्मिल ने पटना हाईकोर्ट में इससे संबंधित एक याचिका दायर की याचिका दायर होने के बाद चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने जांच पूरी होने तक ब 609 मदरसों के अनुदान राशि पर रोक लगाने के भी आदेश जारी कर दिए अपर मुख्य सचिव को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को जल्द राज्य के सभी जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने का आदेश दिया है याचिकाकर्ता के वकील राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मोहम्मद तसनीममुर रहमान ने सरकारी अनुदान वाले मदरसों के जांच रिपोर्ट में कहा है कि सीतामढ़ी में फर्जी कागजात पर 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान लिया है इसके अलावा कोर्ट ने फर्जी कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर प्राथमिकी दर्ज कर डीजीपी को अनुसंधान के बारे में पूरी जानकारी कोर्ट को देने का आदेश दिया है इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी