राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर ऑल असम बंगाली यूथ स्टुडेंट फेडरेशन छात्रों की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर नारे बाजी करते हुए केंद सरकार को ज्ञापन सौंपा है ।
बताते चले की अखिल असम बंगाली यूथ स्टूडेंट फेडरेशन द्वारा आयोजित धरने प्रदर्सन में छात्र संघ की मांग को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर आर्थिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षिक, राजनीतिक और भाषाई गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रीय जीवन को समृद्ध करने के लिए असम में हिंदू बंगालियों के लिए एक कोर और सैटेलाइट क्षेत्रीय परिषद का गठन करने की मांग कर रहे हैं ताकि भूगोल, शब्दार्थ, सांस्कृतिक और धार्मिक पंथ और इतिहास को संरक्षित किया जा सके। पूर्वी दक्षिण भारतीय बंगालियों को असम और उत्तर पूर्व के सबसे पुराने निवासी माना जाता है, लेकिन वे अतीत से जुड़े हुए हैं ।

एनआरसी के बाद की कार्रवाई में हार आधारित पहचान संसद में पारित अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 में आवश्यक वृद्धि करना मार्च 1950 स्वतंत्रता पीड़ित बंगाली हिंदुओं की रक्षा के लिए जो आज तक असम और उत्तर पूर्व में प्रवेश कर चुके हैं कट- ऑफ तारीख में वर्तमान कदम के मद्देनजर बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) से धार्मिक उत्पीड़न के लिए 1971 से 25 मार्च को स्विच करने पर 1951 तक ज़ेनशिप विदेशी के रूप में हिरासत शिविरों से हिंदू बंगालियों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करें और हिंदू बंगालियों के खिलाफ विदेशियों के ट्रिब्यूनल में अज्ञानता के नोटिस की तामील या कार्यवाही बंद करें, बिक्री या खरीद के लिए भूमि के स्वामित्व के पंजीकरण पर जोर न देने पर भूमि रातों को सुनिश्चित करें,