दरभंगा पोक्सो एक्ट दरभंगा के विशेष न्यायाधीश अपर जिला सत्र न्यायाधीश विनय शंकर ने नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार करने के जुर्म में एक युवक को 30 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो एक्ट) दरभंगा डॉ० विजय कुमार पारिजात ने शुक्रवार को बताया कि विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) विनय शंकर ने 13 वर्ष की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले मब्बी सहायक थाना क्षेत्र के शीशो पश्चिमी गांव निवासी लालबाबू परमहंस को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (3) के तहत 30 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है ।

अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में 6 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा इसके अतिरिक्त भारतीय दंड विधान की धारा 506 में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपया का अर्थदंड की सजा सुनाई है अर्थदंड भुगतान नहीं करने की स्थिति में एक माह का साधारण कारावास की सजा भी भुगतनी होगी। उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट की धारा छ: में 30 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा एवं 30 हजार रुपया अर्थदंड की सजा दी है अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में 6 माह का साधारण कारावास का सजा सुनाया है।
विशेष लोक अभियोजक डॉक्टर पारिजात ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 ए पोक्सो नियम एवं बिहार पीड़ित प्रतिकार संशोधन स्कीम 2018 के तहत पीड़िता बच्ची के पुनर्वास के लिए 4 लाख रुपया का भुगतान करने का आदेश भी दिया गया है जो उसे स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा के द्वारा भुगतान किया जाएगा।
डॉक्टर पारिजात ने बताया कि यह अतिशय घृणित अपराध 24 मार्च 2019 को शाम के 7:00 बजे जब पीड़िता शौच के लिए घर के बाहर गाछी में गई थी तब अभियुक्त लालबाबू परमहंस ने उसका बलात्कार किया बच्चे की आवाज सुनकर कुछ लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो बच्ची को बदहवास पाया एवं लालबाबू परमहंस को वहां से भागते देखा। जिसके बाद पीड़िता के परिजन ने महिला थाना में अभियुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी अभियुक्त परमहंस ने 5 सितंबर 2019 को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था एवं तब से न्यायिक अभिरक्षा में ही था।