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दुनिया की कुल जनसंख्या का लगभग 6 प्रतिशत श्रवण दिव्यांगता से पीड़ित – डॉ राजेश

ByFocus News Ab Tak

Mar 3, 2023

ईयर फोन तथा हेडफोन का अत्यधिक प्रयोग हमारे कानों के लिय नुकसानदायक

विश्व श्रवण दिवस पर आरोग्या के द्वारा “श्रवण शक्ति की निशुल्क जांच सह परामर्श शिविर” का आयोजन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में लगभग 466 मिलियन लोग बहरेपन या श्रवण हानि समस्या से पीड़ित हैं, जो कि पूरी दुनिया की कुल जनसंख्या का लगभग 6 प्रतिशत है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग यह समस्या होने पर जागरूकता के अभाव में सही उपचार से भी वंचित रह जाते हैं। उपर्युक्त बाते आरोग्या के सचिव सह दिव्यांग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार सुमन ने ‘विश्व श्रवण दिवस’ के अवसर पर आरोग्या फाउंडेशन के तत्वावधान मे डुमरा रोड स्थित द लर्निंग लेन सेंटर फॉर ऑटिज्म एंड हियरिंग केयर केन्द्र पर “श्रवण शक्ति की निशुल्क जांच सह परामर्श शिविर” के दौरान उपस्थित लोगों के बीच कहीं।

डॉ राजेश ने बताया कि बहरापन तथा श्रवण हानि ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। डब्ल्यूएचओ की मानें तो वर्ष 2050 तक इन समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 900 मिलियन तक पहुंचने की आशंका है। यही नहीं दुनिया भर में विभिन्न माध्यमों के जरिए बढ़ने वाले शोर तथा उससे संबंधित प्रदूषण के चलते 12 से 35 वर्ष की आयु वाले लगभग 1 बिलियन लोगों में श्रवण हानि या बहरेपन जैसी समस्या उत्पन्न होने की आशंका भी जताई जा रही है। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए बहरेपन और श्रवण हानि के प्रति लोगों में जन जागरूकता फैलाने कि जरुरत है।

संस्था के स्पीच थेराॅपिस्ट निखिल प्रजापति ने श्रवण हानि से बचने के उपायो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्रवण हानि से बचने के लिए जहां तक हो सके किसी भी प्रकार की तीव्र ध्वनि से बचना चाहिए। गाड़ियों की आवाज, कार्यक्षेत्र में मशीनों की आवाज, तथा लंबे समय तक कानों में इयरप्लग या ईयर मफ पहनने से यह समस्या हो सकती है।ईयर फोन तथा हेडफोन हमारे कानों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए जहां तक संभव हो सके संगीत सुनते समय या कक्षाएं अटेंड करते समय इन दोनों की ही आवाज कम रखें।इयरफोन तथा हेडफोन को बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल ना करें। यदि काम या पढ़ाई की वजह से हेडफोन को पहनना बहुत जरूरी हो तो, ऐसे में नियमित अंतराल जैसे हर घंटे के उपरांत कुछ देर के लिए इन दोनों को कानों से हटा देना चाहिए।
अगर कान में वैक्स इकट्ठा होने लगे, तो चिकित्सक के पास जाकर उसे साफ करवा लें। कई बार कानों में एकत्रित होने वाला वैक्स भी श्रवण हानि के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
मीजल्स, रूबेला तथा मम्प सहित कुछ अन्य संक्रमण के चलते भी श्रवण हानि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि बचपन में ही इन रोगों से बचाने के लिए बच्चों का टीकाकरण करवा देना चाहिए
कानों की सफाई के लिए ईयर बड के इस्तेमाल से बचना चाहिए। लेकिन कानों के बाहरी हिस्से की सफाई के लिए उंगली पर रुमाल लगाकर हल्के हाथ से सफाई की जा सकती है।
कान के भीतर किसी भी तेज नोक वाली चीज या अलग-अलग प्रकार की गर्म या साधारण तापमान वाले तेल को डालने से बचें।
वहीं,संस्था मे आयोजित शिविर मे करीब 20 लोगों के श्रवणशक्ति कि ऑडियोमेट्री जॉच कि गई। कार्यक्रम के दौरान संस्था मे कार्य कर रहे डॉ अपेक्षा पंखुरी, उत्पला,राहुल रंजन, बबन कुमार, ममता, सुगंधा, समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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