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इस देश को ना हिन्दू , ना मुसलमान चाहिए… के साथ विश्व कविता दिवस का हुआ आगाज।

ByFocus News Ab Tak

Mar 21, 2023

अमित कुमार की रिपोर्ट

सीतामढी डुमरा, इस देश को ना हिन्दू ना मुसलमान चाहिए, बस इस देश को देशभक्त इंसान चाहिए… से विश्व कविता दिवस एवं बिहार दिवस की पूर्व बेला पर मंगलवार को डुमरा स्थित स्वच्छता प्रौद्योगिकी उद्यान में कला-संगम एवं पं० चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में विचार-गोष्ठी सह कवि सम्मेलन का आगाज हुआ। जिला लेखा पदाधिकारी प्रियरंजन राय के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० ध्रुव कुमार ने की। संचालन गीतकार गीतेश ने किया। मुख्य अतिथि डीडीसी विनय कुमार ने कहा कि कविता हमें जीने का सलीका सिखाती है। तनावमुक्त जिंदगी के लिए कविता से लगाव जरूरी है। विशिष्ट अतिथि पुपरी डी सी एल आर ललित कुमार सिंह बिहार के स्वर्णिम अतीत का जिक्र करते हुए साहित्यिक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।

सम्मानित अतिथि डुमरा सी ओ चंद्रजीत प्रकाश, डॉ० शिव शंकर महतो, डॉ० शबनम आरा, विदुषी अनिता सिंह ने कविता के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए कविता को जिंदगी के लिए संजीवनी बताया। अन्य वक्ताओं ने भी जहां बिहार के अतीत, वर्तमान और भविष्य के स्वरूप पर प्रकाश डाला वहीं विश्व कविता दिवस के संदर्भ में कहा कि यूनेस्को ने कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए प्रति वर्ष 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी। वक्ताओं में वरिष्ठ कवि रमा शंकर मिश्र, रामबाबू सिंह ‘वनगांव’, घनश्याम महतो, रामा शंकर सिंह आदि प्रमुख थे।


संस्था के सक्रिय सदस्य मो० कमरुद्दीन नदाफ ने आगत अतिथियों का स्वागत पुष्प माल एवं मिष्ठान से किया। भासर मछहा उत्तरी के मुखिया अजीत कुमार ने कवियों को पुस्तकें भेंट की तथा अपने पंचायत में शीघ्र ही भव्य कवि सम्मेलन कराने की बात कही। मुरादपुर पंचायत के मुखिया संजीव कुमार बाजितपुरी ने अपने पंचायत के विद्यालयों में साहित्यिक आयोजन कराने की बात की। संस्था ने कवियों को मेडल और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। डॉ० सुनील सुमन ने अतिथियों को स्वर्वेद पुस्तक भेंट की।

कवि सम्मेलन का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ‘साहित्य, कला-संस्कृति की बहती यहां रसधार है, गौरवशाली, वैभवशाली यह राज्य हमारा बिहार है’ से हुआ। वरिष्ठ कवि सुरेश लाल कर्ण,सुशील कुमार झा, प्रियरंजन राय, मो० कमरुद्दीन नदाफ, युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य,रजनीश रंजन, यशवीर सिंह, अनिल अंकन, प्रणीत प्रकाश, रवि रंजन, इंदु शेखर,ट्री मैन सुजीत कुमार, बाल कवि समर राज, आदर्श सौरभ, चिन्मय,अभिजीत सिंह एवं बाल कवयित्री अदिति सिंह, अंकिता सिंह, अदिति रंजन, सिद्धि श्रीवास्तव, तेजस्वी प्रियांशी ने अपनी दिलकश रचनाओं से फिजा में कविता की खुशबू खोल दी।

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