फाइलेरिया पर बेहतर कार्य के लिए डॉ रविन्द्र कुमार यादव को जिलाधिकारी ने किया पुरस्कृत
– फाइलेरिया को मिटाने के लिए दो पीलरों पर काम कर रही विभाग
अमित कुमार की रिपोर्ट
सीतामढ़ी कालाजार उन्मूलन के सीतामढ़ी को राष्ट्रीय मॉडल जिला बनाने के बाद फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में भी राष्ट्रीय स्तर पर जिला को पहचान दिला कर राज्य का मान बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी मनेश कुमार मीना ने डॉ रविन्द्र कुमार यादव को लीडरशिप अवार्ड दिया। मौके पर डॉ यादव ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग का हर एक स्वास्थ्यकर्मी प्रतिबद्ध है। यह अवार्ड हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयास को समर्पित है। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले डब्ल्यूएचओ के राष्ट्रीय प्रतिनिधि माध्वी देवराजन आई थी। उन्होंने जब हमारे एमएमडीपी एचडब्ल्यूसी से लेकर जिला अस्पताल के रेफरल एमएमडीपी क्लीनिक के बारे में सुना तो उन्होंने कहा कि एमएमडीपी के लिए ऐसी व्यवस्था पूरे देश में कहीं नहीं है। यह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है।

फाइलेरिया मिटाने को दो पिलरों पर हो रहा काम:
डॉ रविन्द्र यादव ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला दो पिलरों पर काम कर रहा है। पहला सर्वजन दवा अभियान और दूसरा एमएमडीपी क्लीनिक। हमारा प्रयास है कि हम हर फाइलेरिया मरीज को उनके डोर स्टेप तक सुविधा दें। पूरे जिले में सौ से भी ज्यादा एमएमडीपी क्लीनिक है। हमारे रेफरल क्लीनिक में फिजिशियन से लेकर ऑर्थो सर्जन तक मौजूद हैं। सभी एमएमडीपी क्लीनिकों पर प्रत्येक मंगलवार को ग्रुप में फाइलेरिया मरीजों को व्यायाम भी कराया जाता है। 16 अगस्त को भूतही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सोनबरसा में जिले का पहला एमएमडीपी क्लीनिक खोला गया।
फाइलेरिया में बेहतर प्रयास के लिए इन्हें मिला पुरस्कार
जिले के फाइलेरिया कार्यक्रम में बेहतर प्रयास के लिए विभिन्न पीएचसी को पुरस्कृत किया गया। नाइट ब्लड सर्वे के लिए पहला पुरस्कार सुरसंड, दूसरा नानपुर, तथा तीसरा पुरस्कार रीगा तथा रून्नी सैदपुर को मिला। वहीं प्रथम एमएमडीपी क्लीनिक शुभारंभ के लिए सोनबरसा तथा विशेष सहयोग के लिए बीडीओ सत्येंद्र कुमार यादव तथा जीविका के डीपीएम उमाशंकर प्रसाद को भी पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा बेहतर कार्य करने वाले सीएचओ तथा आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।