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बिहार बोर्ड द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में बिहार के सीतामढी जिले में 81 फीसदी परीक्षार्थियों ने पाई सफलता,मैट्रिक परीक्षा में छात्राओ का रहा दबदबा। 9वा स्थान रीतू रंजन,सोनबरसा के अपूर्व 10 वा स्थान,

ByFocus News Ab Tak

Apr 1, 2023

सीतामढ़ी, डॉक्टर बन कर समाजसेवा करना चाहती है रितु रंजन।

बिहार बोर्ड द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में बिहार में 9वा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रौशन किया है। रितू रंजन को 477 अंक प्राप्त हुए है। ऋतु के पिता दिनेश कुमार प्राथमिक विद्यालय सोनार बाजार में शिक्षक है वही माँ सरिता कुमारी आंगनवाड़ी सेविका है। ऋतु अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजनों को देती है।

अपूर्व सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत मधेसरा पंचायत के वार्ड-10 निवासी मध्य विद्यालय मधेसरा में पदस्थापित शिक्षक भूपेंद्र ठाकुर का द्वितीय पुत्र है।थर्ड टॉपर अपूर्व को 10 रैंक मिला हैं उसे 476 अंक प्राप्त हुआ हैं।वह राजकीयकृत श्री गजाधर रामलगन उच्च माध्यमिक विद्यालय सिंहवाहिनी का छात्र हैं।प्रथम पुत्र अंशुमान कुमार वर्ष 2020 में टॉपर बना था। मध्यवर्गीय परिवार से आने वाले अपूर्व की इस सफलता पर उसके माता-पिता समेत के प्रधानाध्यापक ,वर्ग के शिक्षक राममोहन झा ,ज्योति कपूर समेत अन्य शिक्षक भी खुश हैं।अपूर्व का सपना डॉक्टर बनने का है।उपसभापति डॉ रामचन्द्र पूर्वे ,राजद प्रदेश प्रवक्ता रितु जायसवाल ,प्रधानाध्यापक हामिद एवं संजीव कुमार ठाकुर आदि दोनों छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

मैट्रिक परीक्षा:बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चे ने मैट्रिक परीक्षा पास की

सीतामढ़ी: सीतामढ़ी जिला के रीगा प्रखंड स्थित बाजार से वर्ष 2022 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी की संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की पहल पर श्रम विभाग , सीतामढ़ी द्वारा बाल मजदूरी से मुक्त कराए गए एक बच्चे ने इस बार मैट्रिक परीक्षा पास होकर परिवार व समाज का नाम रोशन किया है। बच्चे के मैट्रिक परीक्षा पास होने पर श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार और बचपन बचाओ आंदोलन के केंद्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने बच्चे को शुभकामना देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की, वही निदेशक मनीष शर्मा ने बच्चे के आगे पढ़ाई को लेकर बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया । बच्चे ने बताया की अब वह आगे बेहतर पढ़ाई कर पुलिस बनना चाहता है और समाज की सेवा करना चाहता है। बताया जाता है कि महज 14 वर्ष के उम्र में उसे नियोजक द्वारा काम करवाया जा रहा था। लेकिन बचपन बचाओ आंदोलन की पहल पर श्रम विभाग के द्वारा बच्चे को मुक्त करवाया गया।जिसके उपरांत श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं बचपन बचाओ आंदोलन के सीतामढ़ी टीम द्वारा परिजनों को उसे पढ़वाने के लिए प्रेरित किया गया।

जिले में 81 फीसदी परीक्षार्थियों ने पाई सफलता,मैट्रिक परीक्षा में छात्राओ का रहा दबदबा।

एक बार फिर सीतामढ़ी में बेटियों ने जिले में आयोजित मैट्रिक परीक्षा में परचम लहराया है। जिले में वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में कुल 48,399 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। जिसके लिये जिले के कुल 54 परीक्षा केंद्र बनाये गए थे। परीक्षा में भाग लेने वाले कुल परीक्षार्थियों की संख्या 48,399 है ,जिसमें 24,488 छात्राओं और 23,911 छात्रों की संख्या है। जिसमे पहली पाली में 22,724, व दूसरी पाली में 13,083 परीक्षार्थी शाामिल हुए थे। इस बार परीक्षा में 81 फीसदी छात्रों ने सफलता हासिल की। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष परीक्षा परिणाम में 1प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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