सीतामढ़ी जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सीतामढ़ी उच्च विद्यालय के स्मार्ट कक्ष में बिहार सरकार के सात निश्चय योजना के तहत क्रियान्वित आर्थिक हल युवाओं को बल के प्रचार प्रसार को लेकर जिला के सभी विद्यालय व महाविद्यालय के प्राचार्यों का एक दिवसीय उन्नमूखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पाठक ने की। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अब आर्थिक विपन्नता उच्च शिक्षा के लिए छात्रों के रास्ते मे रोड़ा नही बनेगी । छात्र उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से भविष्य को सवार सकते हैं। बिहार सरकार के द्वारा छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखकर महत्वकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत युवाओं व छात्रों के लिए आर्थिक हल युवाओं का बल के तहत उन्हें सबल बनाने की सुविधा है। इस के तहत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसका सभी कार्य डीआरसीसी में नि:शुल्क किया जाता है। इसमें स्टूेडेंट क्रेडिट कार्ड के द्वारा छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण दी जाती है। इसका लाभ प्राप्त करने के लिए छात्रों को सभी सुविधाएं नि:शुल्क है। इसमें किसी भी अन्य व्यक्ति की जरूरत नहीं है। अभ्यर्थी अपने अभिभावक व पूर्ण कागजात के साथ डीआरसीसी पहुंचकर काउंटर पर अपना कार्य सरलता से करवाया जा सकता है। उन्होंने प्राचार्याें को अभिभावक व छात्रों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करने की अपील की।
जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के प्रबंधक कुशवाहा कुमार अमलेंदु ने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए छात्र व अभिभावक को एक साथ डीआरसीसी में कागजातों के साथ आना जरूरी है। जरूरी कागजातों में छात्र व अभिभावक का आधार कार्ड, दो-दो रंगीन फोटा, आवासीय प्रमाण पत्र, छात्र का पासबुक, दशम व बारहवीं का सर्टिफिकेट एवं मार्क सीट, नामांकित कॉलेज का फी स्ट्रक्चर व बोनाफाइड सर्टिफिकेट है। इसके आधार पर ही डीआरसीसी के काउंटर से आवेदन ऑनलाइन हो सकेगा। एक महिने में सभी कुछ सही रहने पर आवेदन स्वीकृत कर ली जाती है। इसके बाद छात्र के मोबाइल नंबर पर ऋण एग्रीमेंट के लिए डीआरसीसी में पहुंंचने की सूचना दे दी जाती है। जिसमें अभिभावक को साथ पहुंंचना जरूरी है। शिक्षा संपन्न होने के एक वर्ष के बाद ऋण की अदायगी करनी होती है। जिसमें छात्र को 4 प्रतिशत एवं छात्रा, दिव्यांग व अन्य श्रेणी के लिए व्याज मात्र एक प्रतिशत है। ऋण की राशि से शिक्षण शुल्क संस्थान के अकाउंट में भेजा जाता है, वहीं रहने व भोजन के अलावा पाठ्य सामग्री की राशि छात्र के अकाउंट में भेजी जाती है। मौके पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुभाष कुमार, डीआरसीसी के सहायक प्रबंधक राजा कुमार,चंदन कुमार,एसडब्लूओ विनय कुमार,बिट्टू कुमार,एस आर पी संजय कुमार मधु के अलावा विभिन्न विद्यालय व महाविद्यालय के प्राचार्य मौजूद थे।
