ब्यूरो रिपोर्ट
सीतामढ़ी आम जनों की बेहतरी के लिए सरकार ने हर प्रखंड में आरटीपीएस काउंटर खुलवाया ताकि लोगों को प्रमाण पत्र के लिए इधर-उधर चक्कर नहीं काटना पड़े परंतु अधिकारियों के रवैये ने इसका बेड़ा गर्त कर के रख दिया है।

मामला डुमरा अंचल का है जहा से यदि आपको आवासीय प्रमाण पत्र बनवाना है तो 100 से 150 रुपये तक खर्च करने होंगे। शहर में इसका एक बड़ा रैकेट चल रहा है। आरटीपीएस में कार्यरत कर्मियों से साइबर कैफे वालों ने सांठगांठ कर रखी है, नियमतः ऑनलाइन प्रमाण पत्र अप्लाई करने के बाद 10 कार्य दिवस का समय दिया जाता है।

अगर आपको जल्दी है तो 100 से 150 रुपये साइबर कैफे वाले को देंगे होंगे, वह आपका काम एक दिन में ही करा देगा। वही, अंचल स्तर पर कर्मियों को रुपये नहीं मिलता तो वह अनावश्यक कारण बताकर आवेदन अस्वीकृत कर देते है।

इससे अधिक परेशानी उन छात्रों को हो रही है जिन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ हेतु फॉर्म भरना है। प्रमाण पत्र अस्वीकृत होने से प्रतियोगिता परीक्षा फॉर्म, सरकारी योजना का लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। पड़ताल में ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें कर्मियों की मनमानी नजर आती है। अंचल स्तर पर इन प्रमाणपत्रों को जारी करने की शक्ति पहले अंचलाधिकारी को दे रखी थी बाद में इसे राजस्व अधिकारी को सौंप दिया गया। इस संबंध पक्ष लेने के लिए डुमरा की राजस्व अधिकारी सुप्रिया से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका। सोमवार दिन के 11:45 में वह कार्यालय में नहीं थी। उनके मोबाइल नंबर किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया।
केस – 1
शहर के पुरानी एक्सचेंज रोड की रहने वाली बेबी कुमारी ने आवासीय प्रमाण पत्र (BRCCO/2023/2559178) के लिए 5 अप्रैल को आवेदन किया गया। 17 अप्रैल को इसे अस्वीकृत कर दिया गया। कारण बताया कि फ़ोटो पर आवेदक का हस्ताक्षर नहीं है लेकिन आवेदन पर हस्ताक्षर स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है।
शहर के चकमहिला वार्ड 21 निवासी राहुल कुमार ने पांच अप्रैल को नॉन क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र (BOBCCO/2023/182200) के लिए आवेदन किया था। 24 अप्रैल को इसे रिजेक्ट कर दिया गया। कारण बताया कि ‘जांच के आधार पर आपका आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया है’. कारण इसमें भी स्पष्ट नहीं है।
रूपये देते ही आसानी से होता काम
इस मामले में पड़ताल करने पर साइबर कैफे वालों ने भी इसकी सच्चाई बयान कर दिया। शहर के सिंहवाहिनी मार्केट में एक निजी साइबर कैफे संचालक ने बताया कि यह लंबे समय से चल रहा है। आरटीपीएस के कर्मी सौ रुपये लेने के लिए बार-बार रिजेक्ट कर देते है। छात्रों को परीक्षा फॉर्म या सरकारी योजना का लाभ लेना रहता है, मजबूरी में सौ-दो सौ रुपये दे देते है। डुमरा रजिस्ट्री ऑफिस के सामने एक साइबर कैफे संचालक ने बताया कि 100 रुपये देने पर एक से दो दिन में प्रमाण पत्र मिल जाता है।
इन कार्यों में आवश्यक है प्रमाण पत्र
आवासीय प्रमाण पत्र कन्या उत्थान योजना, प्रतियोगिता परीक्षा फॉर्म भरने, छात्रवृत्ति समेत अन्य में, जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता विद्यालयों में आरक्षित श्रेणी से लाभ, नामांकन शुल्क, परीक्षा फॉर्म के शुल्क में लाभ समेत अन्य कार्यों में आवश्यक होता है।
क्या है सरकारी नियम ?
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना के मुताबिक आवासीय, आय और जाति प्रमाण पत्र अंचल स्तर से बनवाने पर 10 कार्य दिवस का समय निर्धारित किया गया है जबकि नॉन क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र के लिए 21 कार्य दिवस निर्धारित है।
