अमित कुमार की रिपोर्ट
सीतामढ़ी, कला-संगम एवं पं0 चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को संस्था के सक्रिय सदस्य हृषिकेश कुमार के माधोपुर रौशन स्थित लीची बगान में “लीची महोत्सव” का आयोजन किया गया l कार्यक्रम में साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी, चिकित्सक, बुद्धिजीवी के अलावा बड़ी संख्या में महिला, बच्चे एवं गर्मी की छुट्टी में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर आए हुए स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया l गंगाधर कुमार के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता रामचंद्र सिंह ने की l संचालन गीतकार गीतेश ने किया l मुख्य अतिथि एमएलसी रामेश्वर महतो ने कहा कि ऐसे आयोजन से समाज में एकता और भाईचारा की भावना जागृत होती है एवं युवा पीढ़ी गांव से जुड़ी रहती है l डॉ0 शबनम आरा, डाॅ0 पूनम कुमारी, शिक्षाविद मनीषा पांडेय, विनिता कुमारी एवं विद्या झा ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे जिंदगी को नई संजीवनी मिलती है l
द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आगाज गीतकार गीतेश की रचना “लाख बदला है मगर, गांव आज भी सुकूं का धाम है, पिज्जा, बर्गर, तुम्हें मुबारक, यहां जामुन, लीची, आम है” से हुआ l जिला लेखा पदाधिकारी प्रियरंजन राय की कविता “युवा बना रहे गांव से अब दूरी है, ऐसे महोत्सव का आयोजन जरूरी है” ने महफिल को गति प्रदान की l वरिष्ठ कवि रमाशंकर मिश्र की रचना”लीची में गजब की मिठास है, तभी तो गांव खास है” एवं मो0 कमरुद्दीन नादाफ की ग़ज़ल “शहर-शहर और गांव-गांव में, ये खबर बस आम है, आम के बाद फलों में देखो, लीची का ही नाम है” ने भरपूर वाहवाही बटोरी l
आयुष अमन, अर्पित अंशु, अदिति रंजन, अनुष्का, अमीषा, श्रुति, साकेत आदि ने भी लीची का स्वाद और कविता का आनंद उठाया ।
