- 33 हजार बच्चे हो सकते है छात्रलाभुक योजना से वंचित।
- अमित कुमार की रिपोर्ट
सीतामढ़ी जिले के 1377 स्कूलों में मेधा साफ्ट पोर्टल पर अपलोड डाटा का हेडमास्टरों द्वारा ऑनलाइन सत्यापन नहीं करने वाले हेडमास्टरो के वेतन पर रोक लगा दी गई है। डाटा में एटेंडेंस का सत्यापन नही होने से लगभज 33 हजार नामांकित बच्चे छात्र लाभुक योजना से वंचित हो सकते है। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार पाठक ने ऐसे हैडमास्टरो पर कार्यवाही की है।शिक्षा विभाग द्वारा मेधा साफ्ट पोर्टल पर अपलोड डाटा की समीक्षा में जिले में पहली से 12 वीं कक्षा तक के कुल 2267 स्कूलों (मदरसा समेत) में से 1377 स्कूलों द्वारा डाटा का सत्यापन में लापरवाही पाई गई है। संबंधित स्कूलों के हेडमास्टरों द्वारा निर्धारित अवधि बीतने के करीब तीन माह बाद भी डाटा का सत्यापन नहीं किया जा सका है। डीईओ सह लेखा योजना डीपीओ द्वारा संबंधित स्कूलों को बार-बार आदेश जारी कर मेधा साफ्ट पोर्टल पर अपलोड डाटा में संबंधित छात्र-छात्राओं के कक्षा में 75 फीसदी उपस्थिति के संबंध में यस अथवा नो मार्क करने को कहा गया था। साथ ही मेधासॉफ्ट पोर्टल पर डाटा रिजेक्टेड अथवा मिस मैच का भी ऑनलाइन सत्यापन कर इसकी एक हाई कॉपी संबंधित बीईओ को उपलब्ध कराने को कहा था। लेकिन संबंधित बीईओ द्वारा जिला कार्यालय को दी गई सूचना के अनुसार निर्धारित अवधि बीतने के महीनों बाद भी संबंधित स्कूलों द्वारा डाटा सत्यापन का रिपोर्ट नहीं किया गया है और न ही इस दिशा में कोई प्रयास किया जा रहा है। डीईओ ने इसे कार्य में कोताही व वरीय अधिकारी के आदेश का अनदेखी मानते हुए अगले आदेश तक संबंधित हेडमास्टरों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया है।
मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर अपलोड डाटा का सत्यापन के लिए संबंधित स्कूलों के हेडमास्टरों को अंतिम रुप से 25 जुलाई तक का समय दिया गया है। डीईओ सह लेखा योजना डीपीओ डॉ. अमरेन्द्र पाठक ने संबंधित स्कूलोंे के हेडमास्टरों को निर्धारित अवधि में मेधा साफ्ट पोर्टल पर बच्चों का अपलोड डाटा का ऑनलाइन सत्यापन कर लेखा योजना डीपीओ कार्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
सबसे अधिक रुन्नीसैदपुर में 182, डुमरा के 148, परिहार के 136, सोनवर्षा के 105, बथनाहा के 107 बाजपट्टी के 90, पुपरी के 91, बैरगनिया के 63, बोखरा के 62, चोरौत के 39, मेजरगंज के 40, नानपुर के 60 , परसौनी के 28, रीगा के 64, सुप्पी के 58 ,सुरसंड के 93 विद्यालयों के डाटा एंट्री लंबित है।