ब्यूरो रिपोर्ट
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्री राधा कृष्ण मंदिर सीतामढ़ी के सभागार में पांचवे दिन किया गया। यज्ञ आचार्य राहुल पांडे यजमान हरिराम यादव एवं उनकी धर्मपत्नी मंजू यादव ने भगवान श्री कृष्ण एवं श्री मद्भागवत पुराण पूजन वैदिक मन्तोचचारण के साथ किया। दोपहर को वैदिक रीति रिवाज से हवन यज्ञ आयोजन किया गया।यजमान और यज्ञ समिति से हवन कर यज्ञ की पूर्णाहुति दी।कथा के आयोजन में मुख्य भूमिका महाराज राजू दास अयोध्या धाम की रही।उनकी उपस्थिति में वृंदावन की साध्वी गीतांजलि मिश्रा द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया गया। उन्होंने कहा श्रीमद भागवत कथा जानकी प्राकट्य भूमि पर श्री राधा कृष्ण मंदिर प्रांगण में कथा कहने में अति प्रसन्नता की अनुभूति कर रही हूं।

यह सनातनियों के लिए परम वंदनीय पूजनीय भूमि है।
वृंदावन से पधारी साध्वी मिश्रा ने कथा के सातवे दिन श्री कृष्ण भगवान संग मित्र सुदामा प्रसंग का वर्णन किया।सात दिवसीय कथा में जो भी सीखे उसे जीवन में उतारना है।आपके मुख और होठों पर ईश्वर का नाम रहना चाहिए।अपने घरों में जाकर चिंतन करना है ईश्वर भक्ति का।गोविंद से नाता जोड़कर घर में हृदय में स्थापित करना है।कान्हा से नाता संबंध जोड़ लेना है।जिस रूप में कान्हा आपको प्रिय लगे उसी संबंध को निभाना है।गोविंद की भक्ति से शक्ति और मुक्ति मिल जाती है।

भागवत कथा दर्पण है।जीवन में आने वाली समस्या का समाधान है श्रीमद भागवत कथा।कन्यादान से बेटी से रिश्ता और मजबूत हो जाता है।वैदिक परंपरा से विवाह कर बेटी खुशी से जाती है।मां बाप बड़े ही हर्ष से शादी की तैयारी करते है।विदाई का काल बड़ा ही कष्टदायक होता है।घर की किलकारी खुशी का विदाई आसान नहीं होता है।प्रभु श्री राम का माता जानकी से विवाह और श्री कृष्ण का रुक्मिणी संग विवाह शिव का पार्वती संग विवाह उत्सव आनंददायक है।मिथिलाधाम भक्ति भूमि है जिसका दर्शन करने स्वयं भगवान राम और लक्ष्मण पधारते है। कन्यादान के साथ सर्वस्व न्योछावर करने वाली भूमि मिथिलाधाम है।मिथिलानी को ईश्वर से मजाक करने का गाली देने का अधिकार भी है।मिथिला में विवाहोत्सव बड़े आनंद से मनाया जाता है।इस दुनियां में सखा के रूप में कृष्ण सुदामा की गाथा अमर है।सबसे बेहतर दोस्त एक दूसरे में अटूट विश्वास रखते है।

कथा में पूर्व सांसद सीताराम यादव,मंदिर समिति उपाध्यक्ष यजमान हरि राम यादव,कोषाध्यक्ष शिव शंकर यादव,सुरेंद्र प्रसाद यादव मुखिया जी,आग्नेय कुमार,मोहन प्रसाद,सोहन प्रसाद, मिंकु कुमार,मुन्ना कुमार,प्रो सत्येंद्र कुमार,पारस कुमार सिंह, आशुतोष कुमार,राजीव कुमार,प्रोफेसर अशोक सिंह,ललित कुमार,प्रभाष कुमार,कृष्णा कुमार,किशोरी मिश्रा,सियाराम प्रसाद, ऋतुराज भारती, समेत सैकड़ों भक्तो ने कथा श्रवण किया।