चेतना सत्र नैतिकता, सिद्धांत और संस्कार की संजीवनी है : रामबाबू महतो
मो कमर अख्तर की रिपोर्ट
सीतामढ़ी – चेतना सत्र किसी विद्यालय का आईना होता है, जिससे उस विद्यालय की शैक्षणिक, सामाजिक, मानसिक, सांस्कृति दिखाई देती है। डुमरा प्रखंड के मध्य विद्यालय मछहा में छात्रों से चेतना सत्र में सर्व धर्म प्रार्थना, अभियान गीत, संविधान का प्रस्तावना, सामान्य ज्ञान के साथ साथ नियमित रूप से दैनिक समाचार पत्रों को भी पढ़वाया जाता है। वहीं छुटृी के उपरांत राष्ट्रगान कराया जाता है।
प्रधानाध्यापक रामबाबू महतो ने कहा कि चेतना सत्र नैतिकता, सिद्धांत और संस्कार की संजीवनी है। बच्चों में शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिकता व संस्कार जैसे गुणों का विकास होता है। बच्चों में सहयोग, उदारता, सहनशीलता व अनुशासन की भावना जागृत करता है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र पढ़ने से समकालिन ज्ञान बढ़ता है। बच्चो को देश दुनिया की जानकारी प्राप्त होती है। बच्चों का सामान्य ज्ञान बढाने के लिए समाचार पत्रों को पढ़वाया जाता है। वहीं गरीब वंचित वर्ग के छात्र जिनके घर समाचार पत्र नहीं आता, वैसे छात्र लाभांवित होते हैं। 6 से 8 वीं वर्ग के छात्र समाचार पत्र पढ़ने में भाग लेते है। प्रत्येक दिन अलग अलग छात्र पढ़ते हैं, जिसे सभी छात्र गंभीरतापूर्वक सुनते है। वहीं चेतना सत्र को सफल बनाने में सभी शिक्षक शिक्षिकांए तत्पर रहते हैं।