सीतामढ़ी से रामाशंकर शास्त्री के साथ व्यूरो रिपोर्ट
सीतामढी पुण्डरीक ऋषि क्षेत्र पुण्डकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि मंगलवार के दिन होने वाले विवाह लीला तथा पुण्डरीक सरोवर में आयोजित होने वाले अमृत महोत्सव की तैयारी सोमवार को पूरी कर ली गई है।

महाशिवरात्रि की रात होने वाली शिव पार्वती विवाह उत्सव को लेकर आज पार्वती जी मटकोर पूजा का रश्म शिव शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी उमेशानंद जी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।पुण्डरीक शिव बारात सेवा समिति के संयोजक गोविन्द सिंह,अध्यक्ष हरिओम सिंह,सचिव राज पटेल व अविनाश शर्राफ,सक्रिय सदस्य जितेन्द्र कुमार रितिक शर्राफ,रौशन बोल बम आदि आदि गाजे-बाजे के साथ मिथिला परम्परा के अनुसार मटकोर पूजा का रश्म पूरा कर शिव पार्वती विवाह उत्सव का विधिवत शुभारंभ किया।वहीं इस अवसर देश के मूर्धन्य विक्रम छलिया ग्रुप के कलाकारो व्दारा आयोजित होने वाले विवाह लीला तथा पुण्डरीक सरोवर में दो फरवरी को आयोजित होने वाले कुम्भ महोत्सव व संत सम्मेलन के लिए मंच और पंडाल का निर्माण पूरा कर पुण्डकेश्वर महादेव मंदिर का रंग रोगन कर दुल्हन की तरह सजा दिया गया है।



शिव शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी उमेशानंद जी तथा आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी राम शंकर शास्त्री ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सीतामढीधाम क्षेत्र के संत महंथ तथा सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ के संस्थापक भगवती काली दुर्गा के अनन्य उपासक करपात्री स्वामी चिदात्मन देव जी सिमरियाधाम से जुड़े सभी पीठाधीश्वर अमृत महोत्सव के पहुंचने लगे हैं।सभी संत व पीठाधीश्वर महाशिवरात्रि के दिन पुनौराधाम में पहुंचने की सहमति भेज दी है।संत महात्मा जगतजननी जानकी सीता की प्राक्टय स्थली पुण्य उर्वराभूमि पुनौराधाम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसके सर्वांगीण विकास का संकल्प कुम्भ सभा में दुहरायेगे।

अंतर्राष्ट्रीय संत व तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी श्री राम भद्राचार्य जी महाराज ने अपने सीता सुधानिधि पुस्तक में लिखा है कि भक्तों की रक्षा करने वाली हमारी बहुरानी सीता जी जल का शरीर धारण कर यहाँ पुनौराधाम में स्थान ध्यान करने वालों के लिए वरदान धारण कर रहीं हैं।इसी को ध्यान में रखकर कुम्भ योग में अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय संत महात्माओ ने स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज संकल्प के साथ लिया है।