सीतामढ़ी से ब्यूरो रिपोर्ट
सीतामढ़ी संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा,सीतामढी के तत्वावधान मे आज किसान आन्दोलन के जनक स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 133वीं जन्म जयन्ती मोर्चा कार्यालय में जिलाध्यक्ष जलंधर यदुबंशी की अध्यक्षता में मनाई गई।

“किसान आन्दोलन तथा स्वामी जी”विषय पर आयोजित परिचर्चा में विषय प्रवेश कराते हुए मोर्चा के उतर बिहार अध्यक्ष डा आनन्द किशोर ने कहा भारत में संगठित किसानआन्दोलन के जनक तथा किसान संघर्ष के सिद्धांतकार,सूत्रधार और संघर्षकार स्वामी सहजानन्द सरस्वती द्वारा 1936 में अंग्रेजो के समय उठाया गया सवाल किसानो के सभी प्रकार की कर्ज माफी,कृषि उत्पादों के उचित मूल्य का निर्धारण,सरकारी तथा सहकारी क्रय विक्रय का प्रसार तथा विचौलियों से मुक्ति का सवालआज 86 वर्ष बाद भी जिन्दा है।

स्वामी जी द्वाराअंग्रेजी हुकूमत तथा जमींदारों के खिलाफ एक साथ आवाज उठाना कितना चुनौती भरा रहा होगाआज आजादी के सात दशक बाद भी किसान विभिन्न चुनौतियों के साथआत्महत्या तथा संघर्ष कर मरने को मजबूर है।किसान खेती से पलायन के साथ भूख तथा तवाही की खेती कर रहा है।खेती-किसानी को बाजार के हवाले करने की साजिश हो रही है।ऐसे वक्त में स्वामी जी के संघर्ष से उर्जा प्राप्त कर हमें अपना हक पाने तथा देश में चल रहे किसान संघर्ष को मजबूत करने की जरूरत है।

स्वामी जी ने मधुबनी की सभा मे पहली बार किसानो के लिए भगवान शब्द का प्रयोग किया था तथा कहा था मै जंगलो में ढूंढा,पहाडो मे ढूढा,ग्रंथो तथा पुस्तकों मे भी कम नही ढूढा,मगर उसे नही पा सका और वह अगर कहीं मिला तो किसानो मे किसान हीं मेरे भगवान है और मैं उन्ही की पूजा किया करता हूं और यह तो मैं बर्दाश्त नही कर सकता कि कोई मेरे भगवान का अपमान करे।
आजादी के संघर्ष के साथ किसानो की जिन्दगी सुधारना उनका प्रमुख लक्ष्य था।स्वामी जी के आन्दोलन का हीं प्रभाव था कि सरकार को जमींदारी उन्मूलन जैसा कदम उठाना पडा।
ट्रेड यूनियन लीडर दिनेशचन्द्र द्विवेदी ने कहा स्वामी जी किसान तथा मजदूर के संयुक्तआन्दोलन के पक्षधर थे और उन्होने किसान में भगवान देखा था।


साहित्यकार विमल कुमार परिमल ने वर्ग संघर्ष के सवाल पर कांग्रेस द्वारा स्वामी जी तथा सुभाषचंद्र बोस को तीन वर्षो के लिए कांग्रेस से निष्कासन की चर्चा की।शिक्षक संघ के अध्यक्ष बिनोद बिहारी मंडल ने दलितों के सन्यासी से प्रेरणा लेकर संघर्ष तेज करने पर जोर दिया।शशिधर शर्मा ने स्वामी जी केआदर्शो पर किसान विरोधी तत्वो के खिलाफ गोलबंदी की अपील की।पीयूसीएल के अध्यक्ष लालबाबू मिश्र ने उन्हे दलितों का सन्यासी बताया।चन्द्रदेव मंडल ने कहा किसान-मजदूरो की बढती तबाही के बावत आज स्वामी जी ज्यादा प्रासंगिक बन गये हैं।प्राचार्य शशिभूषण सिंह ने कहा स्वामी जी के रास्ते संघर्ष तेज करना करना वक्त की मांग है।एआईवाई एफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य मो गयासुद्दीन ने कहा देश में चल रहे किसान आन्दोलन को तेजकर कंपनी राज को समाप्त करने का संकल्प लेने का दिन है
अध्यक्षीय भाषण मे जलंधर यदुबंशी ने कहाआज का दिन संकल्प लेने का दिन है कि हम स्वामी जी के रास्ते संघर्ष तेजकर अपना हक प्राप्त करें।परिचर्चा में कामरेड रामबाबू सिंह, रामदयाल सहनी,अधिवक्ता शिवचंद्र ठाकुर,कृष्णानन्द ठाकुर,पंकज कुमार,डा कमलेश्वर विनोद,अशोक निराला,मुरारी यादव,शिक्षक नेता रामबाबू सिंह,राकेश कुमार सिंह,रामसागर सिंह सहित एक दर्जन लोगों ने स्वामी जी के संघर्ष को याद किया।
