सीतामढ़ी से रामाशंकर शास्त्री के साथ व्यूरो रिपोर्ट
सीतामढी- गुरु बृहस्पति और चन्द्रमा के समयोग से आसन्न अमृत महोत्सव पर जिले के साधुसंतों व धर्मानुरागियो ने पुनौराधाम पुण्डरीक सरोवर में डुबकी लगा कर स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज के संकल्प पूरा को पूरा किया।


कुम्भ स्थान के पूर्व सिमरिया धाम के सिध्द संत स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज के शिष्य स्थानीय शिव शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी उमेशानंद जी महाराज ने पंडित चन्द्र मोहन मिश्र के दिशानिर्देश व वैदिक मंत्रों उच्चारण के कुम्भ कलशस्थापन कर उसकी पूजा आरती की।
अमृत कुम्भ महोत्सव पुण्डरीक सरोवर में डुबकी लगाने वालों में प्रमुख संत महंथ श्री से विभूषित स्वामी राम उदार दास जी,सीता को सहेली के रूप उपासना करने वाले सीताराम नाम के प्रचारक संत किशोरी शरण मधुकर मुठिया बाबा , कबीर मठ महंथ संत भूषण,महंथ राजनाराण दास,नैमिषारण्य से आये संत स्वामी संतानंद सरस्वती स्वामी ऋषि आश्रम ,स्वामी लखन स्वरूप,महंथ दिनेश दास, राजेश दास,मैथिली शरण दास ,त्रिपुरारी प्रसाद सिंह,धनुषधारी प्रसाद सिंह,आशीष वत्स,चंदन वत्स,धीरू सिंह सहित दर्जनों महिला पुरुष धर्मानुरागी शामिल थे।



विश्व का पवित्रतम तपःभूमि है पुण्डरीक ऋषि आश्रम यहां एक बार मंत्र जाप से मिलता है 10 हजार जाप का फल।उक्त बातें संत कुम्भ को संबंधित करते हुए श्री सीताराम नाम के अनन्य उपासक व प्रचारक संत किशोरी शरण मधुकर मुठिया बाबा ने पुण्डरीक ऋषि क्षेत्र पुण्डकेश्वर महादेव मंदिर परिसर आयोजन संत कुम्भ को संबंधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि आदि ऋषि महर्षि पुण्डरीक ने अपनी तपस्या इसे इतना ऊर्जावान बना दिया था जगतजननी जानकी सीता भूमि के गर्भ प्रकट होना पड़ा।संत महात्मा की इस तपःभूमि धाम की गरिमा के अनुरूप सम्मान मिलना चाहिए और इसे श्री अवध की तरह विकसित करने जरूरत है।

श्री राम चरितमानस के प्रवक्ता पंडित जगदीश मिश्रा ने अपने भाषण के दौरान इस पुण्य भूमि के साथ भारत,संत महर्षि पुण्डरीक,स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज के साथ संत मिलन की महिमा पर प्रकाश डाला।वहीं कुम्भ के महत्व को बताया।हिन्दुस्तान टाइम्स लि के सलाहकार इन्टोलिजोन पब्लिशर्स के निदेशक तथा स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज के शिष्य विजय सिंह,संत भूषण दास जी आदि ने 12 अमृत कुम्भ महोत्सव के आयोजन में स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज सिध्दाश्रम सिमरिया के भूमिका पर प्रकाश डाला।संत कुम्भ की अध्यक्षता महंथ श्री संत राम उदार दास जी,संचालन राम शंकर ने किया।जिसमें बड़ी संख्या स्वामी चिदात्मन देव जी महाराज के विभिन्न स्थानों के पीठाधीश्वर के साथ,शुलभानंद, प्रद्युम्न झा,नंद किशोर झा,निर्मल चन्द्र ठाकुर, डा ए के झा, अवधेश कुमार सिंह,संजय सिंह सहित बड़ी संख्या में स्थानीय स्री पुरुष मौजूद थे।
