सीतामढ़ी से शाम्भव सत्यार्थ के साथ व्यूरो रिपोर्ट
सीतामढ़ी-ईंखोत्पादक संघ द्वारा बृहस्पतिवार को संघ की कोर टीम की बैठक लोहिया आश्रम में आयोजित किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता इंखोत्पादक संघ के अध्यक्ष व जनता दल (यू) के पूर्व जिलाध्यक्ष नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि अगर समय रहते ही रीगा चीनी मिल से जुड़े ईंखोत्पादक किसान मुस्तैद नहीं हुए तो उनके ईंख मूल्य का करीब 100 करोड रुपए बड़े-बड़े साहूकारों के द्वारा हजम कर लिए जाएंगे और हजारों किसान अपने खून पसीने की कमाई लेने से वंचित हो जाऐंगे. .

उक्त बातें संघ के अध्यक्ष ने बैठक के दौरान उपस्थित लोगों से बोलें ।श्री सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मिल परिसर के कार्यालयों, घरों में धानुका परिवार की लगी तस्वीरों को यहां से हटाकर वृंदावन मंगा लिया गया है. इतना ही नही एनसीएलटी द्वारा गठित टीम के समक्ष अल्फा, एस्सार, और बगहा सुगर मिल मोल भाव में लगी है और बैंक ऑफ इंडिया, आईसीसीआई बैंक, यूनीयन बैंक अपना अपना लोन चुकता कराने में लगा है.


किसानों के बकाया ईंख मूल्य की दावेदारी संघ की ओर से रखी जा रही है. बैठक में गुणानंद चौधरी ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी किसान अपना गन्ना बेचने में तवाह और परेशान हो गया.जिन मिलों को रीगा का गन्ना आवंटित किया गया था, वह समय से पहले ही बंद कर दिया गया.बहुत सारे किसानों को अपना गन्ना नेपाल ले जाकर भेजना पड़ा.

लखन देव ठाकुर एवं अनूठा लाल पंडित, रामनरेश सिंह का कहना था कि ईंख मूल्य दिलाने के नाम पर कुछ विचौलियों द्वारा किसानों में भ्रम फैला कर पैसे की वसूली की जा रही है.बकाया ईंख मूल्य की वसूली के लिए जोरदार आवाज उठाई जानी चाहिए. रमाशंकर राय, अशोक ठाकुर, विवेक सिंह, सुधीर कुमार ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों के अक्षमता पर गुस्सा जताया और कहा कि इलाके के लाखों किसानों के खेत और पेट पर लात मारने वालों की पहचान उजागर होनी चाहिए और किसानों को संगठित होकर अपनी रोजी, रोटी के बंदोबस्त की रणनीति बनाने में जुटना चाहिए.बसंतपट्टी,मेजरगंज,ढेंग,परसौनी इलाके में गुड़ उद्योग बैठाने पर भी विचार विमर्श किया गया ।
