• Sun. Jun 4th, 2023

आओ तुम्हें बताये सीता जानकी कैसे कहलाती हैं……

ByFocus News Ab Tak

Mar 26, 2022

राम शंकर शास्त्री पत्रकार सह सदस्य मिथिला राघव परिवार सेवा न्यास पुनौराधाम सीतामढी


सीतामढी के पुनौराधाम से फिर मडई में कैसे आती है
भीषण दुकाल पड़ा था जब त्राहिमाम चिल्लाते है
अहिल्या पुत्र विव्दान पंडित जब जनक को बतलाते हैं
जोते हल स्वयं जनक तो धरती फिर हरसाती है
अपने तेज बल को लेकर वर्षा जब बरसात है
राज जनक उस तेज देख गौरव से भर जातें हैं
धरती प्रदत्त उस दिव्य कन्या को पुण्डरीक को दिखलाते हैं
ले लें इस दिव्य रत्न को आरजू मीन्नत करते हैं
शास्र विरुद्ध प्रस्ताव बता वे राजा को समझाते हैं
धरती आपकी इस थाती से हम अन्न पानी ही पाते हैं
धरती के अन्दर के रत्नों को वे राजा को बतलाते हैं
स्वीकार करें इस भू प्रसाद को फिर जब उन्हें बताते हैं
निज कन्या की भांति उसके पालन का राह दिखाते हैं
हर्षित होकर विदेह उनका आशीष बताते हैं
फिर हर्षित सम्पूर्ण कथा सुनैना को बतलाते हैं
फूस घांस का पराव बना जो मँडई कहता है
सीत से निकली सीता बन कर उस मडई में आतीं हैं
सुनैना के गोद में आकर वह जानकी कहलाती है
सीता के उस मडई में आते सीतामडई बन जाती है
जहाँ आज एक दिव्य युगल विग्रह जो जानकीस्थान कहलाता है
सीता के वहां आ जाने से फिर सीतामढी कहाता है
पुण्य उर्वराभूमि पुनौराधाम कहलाता है
निकली जहां जिस मिट्टी सीता कुण्ड कहलाता है।


जिसके एक परिक्रमा का फल हजार गोवर्धन परिक्रमा हो जाता है
जहाँ सिध्द संत मुनि आकर शीश नवाते हैं
सीता के जानकी बनने का मर्म सबको बतलाते हैं
वैशाख शुक्ल नवमी की पुण्यतिथि जब मो मनाने आते है
ऋषि मुनि मानव मात्र देवता गण भी आते हैं
सब मिलकर जै जै कार मना कर सीता का गुण गाते हैं
हम भी जन्में इस धरती सीता के भाई कहलाते हैं
आचारण वैसा करते नहीं सिर्फ भाई का दम्भ दिखाते हैं
आचारण यदि करें वैसा जैसा सीता कर दिखलाई है
फिर यह अयोध्या से बड़ा बनेगा इसमें न संसंय भाई है
वे राम कथा कहते होंगे हम सीता कथा सुनाते हैं
दुनियां उसे मां कहें परन्तु सीता मेरी बहना है
मेरे इस पुण्य भूमि पुनौराधाम का सुन्दर गहना है ।

विज्ञापन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *