कमर अख्तर की रिपोर्ट
सीतामढ़ी-सोनबरसा- प्रखंड के भुतही बह्म स्थान में श्री राम चरित मानस महायज्ञ का आज शाम 5 बजे विधिवत समापन हुआ। भुतही एवं आसपास के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने 15 मार्च से आज तक प्रवचन गंभीरतापूर्वक सुना। महायज्ञ के कारण ईलाका भक्तिमय हो गया था। श्रद्धालु भक्ति में लीन थे। सीतामढ़ी के राजोपटृी स्थित शंकर मंदिर के व्यास जी रूपकांत झा जी महाराज ने यज्ञ में उपदेश दोहा एवं चौपाई के माध्यम से श्रद्धालुओं को विस्तार से समझाया।

रूपकांत झा जी महाराज ने अपने प्रवचन के माध्यम से लोगों को उपदेश दिया कि मानव सुख, शांति और समृद्धि चाहते हो तो श्री राम जी के चरित्र को अध्य्यन करो और उस मार्ग पर चलने का मनोवृति बनाओ। जिससे तेरा, तेरे परिवार, समाज एवं राष्ट्र का कल्याण होगा। उन्होंने आगे कहा मानव अगर सुख चाहते हो तो अंहकार, मौह, लोभ, माया इन सभी का परित्याग करो। सबों से सामंजस्य बनाकर रहो। हमेशा अपने माता पिता के प्रति सदभाव रखो। उनकी सेवा करने से तुम्हें सब फल प्राप्त हो जाएगा। रावण के पास अंहकार था, लोभ था, मोह था, माया था, जिसके कारण उसका सर्वनाश हो गया। श्री जनकपुरधाम के दिनबंच दास जी महाराज, श्रीमती संकुतला जी, प्रमोद दास जी महाराज ने भी प्रवचन पढ़ा। मालूम हो कि भुतही ग्रामवासी द्वारा महायज्ञ कराया जा रहा है। महायज्ञ के व्यवस्थापक श्री विश्वनाथ दास जी महाराज थे।



15 मार्च से शुरू यज्ञ 14 अप्रैल तक चला। महायज्ञ अपराह्न 3 बजे से 5:30 बजे तक वहीं शाम 6 बजे से 9 बजे रात्रि तक प्रवचन होता है। महायज्ञ को सफल आयोजन में वैधनाथ साह, राजदेव साह, नागेंद्र महतो, नवल साह, अजय पंजियार, भोला साह, सुरेश साह, शंभु साह, शत्रुध्न साह सहित अन्य की भुमिका सराहनीय है।
