S.MISHRA की रिपोर्ट
PATNA-अब देश के किसी केंद्रीय विद्यालयों में सांसद और जिलाधिकारि के कोटे से होने वाले नामांकन पर रोक लगा दिया है. गौरतलब है की सुशील मोदी ने राज्यसभा में जोर-शोर से ये मांग की थी की सांसद व डीएम के कोटे से होने वाले नामांकन पर केन्द्र सरकार ने तत्काल रोक लगाने की मांग की थी ।

आप को बता दें की केंद्रीय विद्यालयों में प्रत्येक वर्ष सांसद के कोटे से 10 नामांकन होता था तो वहीं स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन सह स्थानीय जिलाधिकारी या कमिश्नर होते हैं. और इस कोटे से प्रति वर्ष 17 छात्र-छात्राओं का नामांकन का अधिकार प्राप्त था ।इस तरीके से पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल सांसद कोटे से तकरीबन 7500 और जिलाधिकारी या कमिश्नर के कोटे से लगभग 22 हजार नामांकन होता था . केंद्रीय विद्यालयों में हर साल लगभग 30 हजार एडमिशन कोटे से होता था जिसके कारण मेधावी छात्रों को केंद्रीय विद्यालय में नामांकन होना नसीब नही था ।

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है की कोटा स्थगित करने से शिक्षा मंत्रालय के फैसले से हर साल एससी-एसटी, ओबीसी कोटे के 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. श्री मोदी ने कहा की वे सांसद-कलक्टर कोटे से दाखिला बंद करने की लगतारा मांग करते रहे हैं औऱ सदन में भी यह मामला उठाया था. उन्होंने कहा है की कोटे से होने वाले एडमिशन में न तो आरक्षण के नियमों का पालन होता है और न ही योग्यता का आधार बनाया जाता रहा है. अब नामांकन कोटा को मुक्त करने से आरक्षण और योग्यता के आधार पर नामांकन के लिए एक ही झटके में 30 हजार सीटें बढ़ जायेंगी.इधर सूत्रों की मानें तो केंद्रीय विद्यालयों में कोटे पर नामांकन के नाम पर अच्छी खासी रकम भी अभिवावकों को चुकानी पड़ती थी ।

