व्यूरो रिपोर्ट
सीतामढ़ी-ज़िला मुख्यालय स्थित एमपी पी हाई स्कूल डुमरा में विश्व आवाज़ दिवस 2022 के अवसर पर बच्चों के बीच एक परिचर्चा आयोजित की गयी।कार्यक्रम संयोजक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि आवाज़ मानव को प्रकृत्ति प्रदत्त एक अनुपम उपहार है।बेहतर संवाद और संचार के लिये इसे बेहतर बनाये रखना जरूरी है।इसे 1999 से प्रतिवर्ष 16 अप्रैल को मनाया जाता है।इस वर्ष का थीम “अपनी आवाज़ उठाएं “रखा गया है।

मनुष्य के सुनने की आवाज़ का सामान्य प्रसार 60 डेसिबल तक होना चाहिये। परन्तु डी जे 500 डेसिबल लाउडस्पीकर 300 डेसिबल पटाखे 200 डेसिबल तेज़ होर्न 150 डेसीबल तक का आवाज़ उत्पन्न करता है।इसके साथ साथ ट्रैफिक जाम,बढ़ती असहशीलता ,भागम -भाग,महत्त्वाकांक्षा इत्यादि कारकों के कारण भी लोग उँची आवाज़ में अपनी बात रखते हैं।इन सबके कारण अधिकांश लोगों की आवाज़ कर्कश होती जा रही है।मनोविज्ञान प्रयोगशाला झांसी के एक शोध के अनुसार इन सबके कारण स्कूली बच्चों के आई क्यू पर विपरित प्रभाव पर रहा है।अत: आज यह आवश्यक हो गया है कि खासकर हमें अपने बच्चों के सर्वांगीण संतुलित और सतत विकास के लिये भौतिक और प्राकृतिक अवयवों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करना होगा।


इस अवसर पर प्राचार्या सुजाता सिंह शिक्षक मायाशंकर यादव कविता कामिनी नसीम अहमद आरज़ू डॉ सुजीत कुमार मो अंजूम रेज़ा समेत वर्ग नवम से बारहवीं तक के बच्चे उपस्थित थे।

