राहुल कुमार द्विवेदी की रिपोर्ट
वाह…..वाह रे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था,जनक जननी मां सीता जन्म स्थली सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में लगे अक्सीजन प्लांट को किसकी नजर लगी और क्या मजबूरी हुआ की विभाग नें तकरीबन एक सप्ताह में ही बंद हो गया ।कोरोना की संभावित चौथी लहर को लेकर जिले का स्वास्थ्य महकमा की तैयारीयां को लेकर दावें तो कर रही है पर सब ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। जिले में मात्र एक सदर अस्पताल का ही ऑक्सीजन प्लांट सुचारु रूप से चालू है।
बताते चले की बेलसंड में लगे ऑक्सीजन प्लांट संचालित होने के एक सप्ताह बाद ही बंद हो गया है। हालांकि विभाग सदर अस्पताल में लगे दो ऑक्सीजन जेनरेट पलांट के भरोसे पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था का दावा कर रही है। विभाग के अनुसार, ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिला कोविड केयर सेंटर को फिर से दुरुस्त किया जा रहा है।
जिले में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने को लेकर सदर अस्पताल सीतामढ़ी व बेलसंड में कुल तीन ऑक्सीजन जेनरेट प्लांट संचालित किया जाना था। जहां सदर अस्पताल में लगे मशीन से प्रति मिनट 1400 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन किया जा रहा है। जबकि बेलसंड में प्रति मिनट 200 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन किया जा रहा था। जो कि वर्तमान में ठप पड़ा है। वही पुपरी अनुमंडल में शुरु होने वाला ऑक्सीजन प्लांट सिर्फ घोषणा में ही दब कर रह गया है।

बेलसंड के अनुमंडलीय अस्पताल में 200 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता वाली ऑक्सीजन प्लांट संचालित होने की क्षमता है। हालांकि वर्तमान में यह ठप पड़ा है। जिले के विभिन्न अस्पताल में आवश्यकता पड़ने पर 434 ऑक्सीजन सिलेंडर सुरक्षित किया गया है। महिला आइटीआई में बने 100 बेड वाला जिला कोविड केयर सेंटर पूर्व से संचालालित है। जिसे और दुरुस्त करने की बात विभाग कर रही है।
प्लांट के लिए योजना बनाई गई थी
कोरोना की तीसरी लहर से पूर्व जिले के पुपरी और बेलसंड अनुमंडल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की योजना बनाई गई थी। जिसके बाद बेलसंड में तो ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत कर दी गई। लेकिन, पुपरी अनुमंडल में चालू होने वाला ऑक्सीजन प्लांट चालू नहीं हो सका। जबकि बेलसंड की तरह ही पुपरी अनुमंडल में भी 200 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जेनरेट क्षमता वाला प्लांट लगाने से जिले मे ऑक्सीजन कि समस्या से मुक्ति पाइ जा सकती थी।
