• Sun. Jun 4th, 2023

श्री राम कथा के तीसरे दिन जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने सीता की आठ सहेलियों में एक हेमा के जीवन चरित्र पर कथा सुनाएं ।

ByFocus News Ab Tak

May 5, 2022

रवि वर्मा की रिपोर्ट

श्री मिथिला राघव परिवार सीतामढी द्वारा आयोजित जानकी जन्म भूमि पुनौरा धाम के प्रेक्षागृह में भक्तिमय श्री राम कथा के तीसरे दिन जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने सीता की आठ सहेलियों में एक हेमा के जीवन चरित्र पर कथा सुनाएं ।मुख्य यजमान जानकी नंदन पांडे, रेखा देवी, कृपाशंकर शाही, संदीप कुमार ने रामायण पूजन हनुमत पूजन एवं गुरु चरण पादुका पूजन किया।


बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल, सुशील सुंदरका, विश्व हिंदू परिषद से केशव राजू ,अभिषेक मिश्रा, पूसा विश्वविद्यालय कुलपति राजेंद्र सिंह ने पुष्प माला पहनाकर गुरुदेव का स्वागत किया। मैथिली गायकी में डॉक्टर खुशबू कुमारी ने गुरुदेव के समीप मंगलमय दिन आज हे पाहुन छथिन आयल और हम मिथिले में रहबई गीत गाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अष्ट सखी संवाद में हेमा के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए कथा के तीसरे दिन गुरुदेव ने कहा हेमा का मतलब सोना होता है। सोना जिस प्रकार चार परीक्षा से जांचा जाता है ।उसी प्रकार सीता की सहेली हेमा ने राम से उन्नतीस परीक्षाएं ली ।भगवान राम सभी परीक्षा में सफल हुए और सभी समस्या का समाधान भी दिया। हेमा सखी विलक्षण भाव रखती है। और उन्होंने राम की छवि को देखकर कहा यही सीता के योग्य है।


ज्ञान शील गुण और धर्म से मनुष्य की पहचान होती है। राम की परीक्षा हेमा ले रही है ।और यह बता रही है कि यह वर जानकी के योग्य है या नहीं? रामचरितमानस के बालकांड में 228 दोहे में इसका वर्णन भी है। सीता माता के प्राकट्य में हलेष्टि यज्ञ,हलेश्वर महादेव पूजन शोम यज्ञ महाराज जनक ने किया। सोने के सिंहासन पर आठ सखियों के साथ माता सीता पुनौरा धाम के सीता कुंड से प्रकट हुई ।पुण्डरीक क्षेत्र पुनारण्य आज पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है।
सोने के सुंदर सिंहासन पर अष्ट सखी के साथ है सीता विराजमान होकर प्रकट होती है ।
भक्त भक्ति भगवान और गुरु चारों स्वरूप में एक हैं । इनका सम्मान हमेशा ही होना चाहिए ।
भगवान राम तपस्वी भी है और क्रोध पर विजय भी प्राप्त किए हैं। प्रतिभा का सम्मान जिस देश में होता है वह देश उन्नति करता है। भगवान राम परशुराम के क्रोध को भी सह जाते हैं और मुस्कुरा कर सभी समस्या का समाधान करते हैं। माता पिता और गुरु का आशीर्वाद मिलेगा तब सुबह अच्छा होगा। गुड मॉर्निंग तब अच्छा होगा इसलिए हमें इनका सम्मान अवश्य करना चाहिए। भगवान राम पवित्रता से स्नान कर गुरु को प्रणाम करते हैं। राम बहुत ही सरल है ।राम का उल्टा मरा और मरा का उल्टा राम।जहां किसी का वध नहीं होता वही अवध है।
भगवान के गुण ये सत्य बोलते हैं, प्रिय बोलते हैं ,हितेषी बोलते हैं, वेद पुराण के ज्ञाता है, सदैव प्रसन्न रहते हैं और जिनका नयन सुंदर है वही राम है।
परशुराम तपस्वी है पर क्रोध पर उनका नियंत्रण नही है जबकि राम शांत है स्थिर हैं मुस्कुरा रहे हैं और वे तप और क्रोध पर विजय प्राप्त किए हैं। भगवान राम सदैव सब का कल्याण करते हैं। इसलिए भक्ति भाव से उनका स्मरण एवं भजन करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *