कोचिंग वाले सर थें BPSC की सेटिंग : सॉल्वर को एक अभ्यर्थी का मिलता था एक से डेढ़ लाख, बाकी सर ही खाते थे पूरा पैसा :

बिहार लोक सेवा आयोग 67वें परीक्षा के क्वेश्चन पेपर को फुलप्रूफ प्लान के साथ लीक किया गया था। ये सारा सेटिंग कोचिंग वालों ने किया है। सेटर्स के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग के तहत सॉल्वर तक पेपर पहुंचाया जो प्रश्न पत्र के उत्तर समय से पहले परीक्षार्थी तक पहुंचा दे। इसके लिए सॉल्वर को एक अभ्यर्थी से एक से डेढ़ लाख तक मिला। कई कोचिंग वालों का प्लान था कि एग्जाम से क्वेश्चन पेपर इनके हाथ में आ जाए। फिर वो निर्धारित समय के अंदर कम से कम 110 से लेकर करीब 130 सवालों का जवाब तैयार कर लें। 1200 से 1500 रुपए प्रति सवाल के तौर पर इसके साथ सौदेवाजी हुई थी।

पटना के कई कोचिंग संचालकों तक हर मैसेज पहुंचाया जाता था
पूछताछ में सवालों का जवाब देते हुए अमित ने एक और महत्वपूर्ण बात EOU के अधिकारियों को बताया है। इसने यह राज खुला है कि सरकारी नौकरी की तैयारी कराने वाले पटना के कई कोचिंग संचालकों तक हर मैसेज पहुंचाया जाता था। कई कोचिंग संचालक इस शातिराना खेल में सेटर्स गैंग के टच में थे। BPSC पेपर लीक से जुड़ी हर बात की जानकारी इन्हें होती थी। फिर उन बातों को कोचिंग संचालक एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को बताते थे। इसके एवज में स्टूडेंट्स से अवैध रूप से रुपयों की डिमांड की जाती थी। यह खेल काफी समय से चल रहा था।

सूत्र की मानें तो अमित ने कुछ कोचिंग संचालकों के नाम EOU के अधिकारियों को बता भी दिया। इनमें उन कोचिंग संचालकों के नाम भी शामिल हैं, जिनके ऊपर EOU को शुरुआत से ही शक है। हालांकि, जांच जारी रहने का हवाला देकर EOU ने कोचिंग संचालकों की पहचान उजागर करने से इनकार किया है। हालांकि ये भी स्पष्ट किया गया है कि उनकी टीम इस मामले में शामिल लोगों को बख्शने वाली नहीं है।

दूसरी तरफ, रिमांड पर लिए गए राजेश और सुधीर कुमार सिंह के साथ EOU के टीम की पूछताछ जारी है। इन्हें 3 दिनों के रिमांड पर लाया गया था। सूत्र का दावा है कि अब तक कि पूछताछ में इन दोनों ने काफी कुछ बताया है। बिल्कुल नई जानकारी दी है। जिसके आधार प
