संसाधन के अभाव में अस्पताल हुआ बीमार । वर्षो से एक अनुसेवी के सहारे चल रहा अस्पताल । मरीजों व कर्मियों के लिए नही है कोई व्यवस्था
राहुल कुमार द्विवेदी की रिपोर्ट।
सीतामढ़ी:- जब अस्पताल खुद ही बीमार हो तो वह मरीजों का क्या इलाज करेगा। जिले में एक अस्पताल ऐसा भी है जो खुद ही बीमार है जी हां हम बात कर रहे है बैरगनिया प्रखंड स्थित राजकीय शिशु अस्पताल जो कि संसाधन के अभाव में खुद ही बीमार हो गया हैं। इस अस्पताल में सरकार के द्वारा 3 पद स्वीकृत है एक डॉक्टर ,एक मिश्रक और एक अनुसेवी की। जबकि यहां वर्षों से यह अस्पताल एक अनुसेवी ईश्वर नाथ पांडेय के सहारे चल रहा है।

ग्राउंड रिपोर्ट में पता चला कि इस अस्पताल में कर्मचारी के लिए ना शौचालय, ना पीने के लिए शुद्ध पेयजल की कोई सुविधा है। ऐसे में भला कर्मचारी कैसे ड्यूटी कर पाएंगा। यह अस्पताल खुद बीमार दिख रहा है। इस अस्पताल के नाम पर सरकार का आवंटन कहां चला जाता है, इसका कोई जवाब नही है। इस बारे में जब जिला चिकित्सा पदाधिकारी से पूछा गया तो उनका का कहना है कि हम तो कुछ महीने पहले आए हैं। ना जाने इसका पैसा कहां चला गया। अब मैं आया हूं और मैं कोशिश कर रहा हूं कि हर सुविधा यहां उपलब्ध हो जाये। इसके लिए मैंने विभाग को पत्र लिखा हैं।

यही नहीं देखने पर पता चला कि हल्की बारिश होने में पर भी इस अस्पताल परिसर में घुटने भर पानी जम जाते हैं ऐसे में जब अस्पताल फिर बीमार है तो यहां रोगियों का इलाज कैसे संभव होगा। इसके जिम्मेदार या तो सरकार है या आला अधिकारी पता नहीं। ना जाने कब तक यहां की जनता और यहां के कर्मचारी इस व्यवस्था में कार्य करने को मजबूर रहेंगे।
यही जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया की केंद्र सरकार के निर्देश से इस अस्पताल को हैल्थ एंड वैलनेश सेंटर बनाया गया,परन्तु 2017 से आज तक कुछ विकाश देखने को नहीं मिला।


