ब्यूरो रिपोर्ट
सीतामढ़ी:-पत्रकारिता और आग्नेय अनुभूति। यानी पत्रकारिता और लेखन कार्य अभिरुचि बाल काल से रहने के कारण भारत स्काउट और गाइड में प्रशिक्षण के दौरान सायं कालीन रिपोर्ट देना मेरा कार्य रहा है।
सत्तर से ज्यादा सम्मान पत्र प्रमाण पत्र ही हमारी ताकत और आत्मविश्वास है।
आठवीं से दसवीं तक की पढ़ाई लिखाई में एनसीसी और स्काउट में लगातार भागीदारी कर राष्ट्र सेवा एवं सैनिक प्रशिक्षण भी प्राप्त हुआ ।
1995 में राम दयालु सिंह महाविद्यालय में इंटर में नामांकन के पश्चात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय सेवा योजना ,राष्ट्रीय कैडेट कोर सक्रिय भागीदारी निभाया ।

साइंस के विद्यार्थी होते हुए तीनों संगठन के अलावे खेलकूद आयोजन में प्रबंधन फोटोग्राफी और लेखनी का कार्य अनवरत चलता रहा और अखबार में समाचार छपते रहे ।
1999 श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय सीतामढ़ी में इतिहास स्नातक का छात्र बना और लगातार राष्ट्रीय सेवा योजना और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लिखने का कार्य आरंभ रहा।
श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय के दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर जितेंद्र कुमार वर्मा जी के नेतृत्व में 1997 से स्थापित ध्वज,पर्यावरण, दहेज- उन्मूलन जन चेतना समिति के कॉलेज इकाई का सह संयोजक की भूमिका निभाया।
और दहेज उन्मूलन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार सुभाष चंद्र बोस की जयंती ,युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जयंती ,स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता रहा ।
लेखन कार्य में रूचि होने के कारण सभी प्रबुद्ध प्रोफेसर महाविद्यालय कर्मचारी और छात्र मित्रों के बीच अपनी अलग पहचान बनी और कलम की धार तेज होती गई ।

प्रांतीय अधिवेशन कटिहार ,प्रांतीय अधिवेशन मुजफ्फरपुर ,प्रांतीय अधिवेशन दरभंगा में विद्यार्थी परिषद का जलवा भी देखा हूँ।
भारत माता की जय और वंदे मातरम के जय घोष के साथ देशभक्ति राष्ट्रप्रेम राष्ट्र चिंतन जागृत होती चली गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक भाई चुनचुन सिंह के नेतृत्व में बड़े-बड़े कार्यक्रम का आयोजन सीतामढ़ी में होता रहा और मंच संचालन और लेखन का दायित्व हमेशा से मेरे ही हिस्से आता रहा।
वर्तमान विधान पार्षद श्री प्रमोद चंद्रवंशी भैया साइकिल के पीछे बैठकर संगठन निर्माण कराते थे।
नेहरू युवा केन्द्र संगठन सीतामढ़ी में टीम संयोजक बड़े भैया नीरज कुमार गोयनका जी के साथ एक बर्ष में योजना,स्वयं सहायता समूह,बैंक सम्बद्धता,युवा दिवस,एड्स उन्मूलन, दहेज उन्मूलन स्वरोजगार की दिशा में अनेकों कार्यक्रम हुए।जिसके साक्षी सभी युवा साथी है।आदरणीय कार्यक्रम संयोजक श्री लखन चौधरी जी के राष्ट्रभक्ति गीत नही भूल सकता।
लेखन कला जन्मजात गुण होता है। वह छुपता नहीं है और कोई उसे चुरा भी नहीं सकता है। वर्षों की कठिन तपस्या त्याग एवं लेखन प्रवृत्ति के कारण बहुत सारे पत्रकार से मेरा रिश्ता 30 वर्ष पुराना है ।
भाई चुनचुन सिंह मित्रवत है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता होने के नाते लगातार सूचना और संपर्क से जुड़े रहे हैं ।

उनकी सानिध्यता में ही भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिला इकाई का गठन हुआ और जिला मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता के दायित्व दिया। भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में तीन वर्ष कार्य करने का अवसर भी मिला। युवा मोर्चा के मीडिया प्रभारी रहते हुए वर्तमान सांसद बड़े भैया आदरणीय सुनील कुमार पिंटू जी के लोकसभा चुनाव का मीडिया प्रभारी का कार्य किया और जीत सुनिश्चित हुई ।
वर्तमान विधायक बड़े भाई डॉक्टर मिथिलेश कुमार जी के सीतामढ़ी विधानसभा का मीडिया प्रभारी होने के नाते पूर्ण सहयोग किया और यहां भी विजई घोषित हुए। कलम की ताकत स्याही की कीमत और लेखन कला का महत्व विगत 30 वर्षों से सीखता आया हूं और आगे भी शिक्षा लेता रहूंगा।
सीखने की प्रवृत्ति मरते दम तक खत्म ना होने वाली प्रवृत्ति है। राजेंद्र भवन के पुस्तक मेले में डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा रचित पत्रकारिता के महत्व विषय पर पुस्तक सीखने के लिए खरीदा था और लेखन कला की प्रथम शुरुआत वहीं से हुई थी।

पत्रकारिता जगत में काम करते हुए विभिन्न संगठन के दायित्व का निर्वहन करते हुए आज भी ध्वज ,पर्यावरण दहेज -उन्मूलन जन चेतना समिति के अध्यक्ष होने के नाते लिखने पढ़ने का काम लगातार चलता रहता है।
वेट्रांस इंडिया अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संगठन सीतामढ़ी में स्थापना काल से युवा संयोजक की भूमिका निभाते हुए बड़े से बड़े कार्यक्रम में अपनी छोटी सी भागीदारी देकर कार्यक्रम को सफल बनाने का गौरव प्राप्त हुआ है ।छह वर्षो का अनुभव सैनिकों के साथ बिताए है।
सीतामढ़ी शहर 1990 से देख रहा हूं।ओरिएंटल मध्य विद्यालय, सोसल क्लब डुमरा, श्री लक्ष्मी उच्च विद्यालय,श्री लक्ष्मी किशोरी महाविद्यालय के बहुत सहपाठी बालसखा इसी शहर के है।
मेरे बचपन के बहुत सारे मित्र, व्यवसाई हैं ,डॉक्टर हैं इंजीनियर है और बहुत सारे बेरोजगार भी हैं जो मेरे जैसे भी है।
मेरी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि जो भी हो पारिवारिक स्थिति जो भी हो कभी भी अपने से और अपने दायित्व से समझौता नहीं किया ।
सभी संगठनों में/सामाजिक धार्मिक शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार सहयोग करते हुए सभी से अच्छे रिश्ते ही बनाए हैं।

विगत 6 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी में जुड़ कर राष्ट्रवाद के प्रणेता डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ,अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ,प्रखर राष्ट्रवादी देश के यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ,हिंदुत्व के धरोहर आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी, आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जी के विचारों को सुनकर पढ़ कर समझ कर भारतीय जनता पार्टी के लिए छह वर्ष का जीवन दान दिया।
छह वषों में तीस से ज्यादा बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार के मंत्री महोदय का प्रेस वार्ता,मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री की सभा ,सैकड़ो जनसभा,पूर्व भाजापा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गृह मंत्री अमित शाह जी जनसभा का लेखन की जिम्मेदारी निभाया हूँ।
अपनी समझदारी अपनी ईमानदारी अपनी कर्तव्यनिष्ठा के द्वारा पार्टी के द्वारा दिए गए कार्यभार को बखूबी संभालने की पूर्ण कोशिश की है ।

यह सभी को पता है मीडिया जगत भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ी खूबसूरती है और भारतीय लोकतंत्र की चौथा स्तंभ है ।
स्पष्टता ईमानदारी निडरता से समस्याओं को दिखाने के लिए मीडिया का महत्व बहुत ज्यादा है ।अखबार के हजारों समाचार का संकलन वर्ष 1993 से आज तक का मेरे पास उपलब्ध है।
कोई व्यक्ति जिनको शंका हो वह आकर देख सकते हैं। जन सहयोग, जनसंपर्क और जन जागरण के लिए मीडिया का बहुत बड़ा महत्व है ।
और वर्तमान में प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समन्वय से ही कार्य संभव हो सकता है। हजारों और लाखों लोगों के बीच आपके संवाद के लिए मीडिया ही मुख्य संसाधन है।
इसलिए इन सभी आवश्यकताओं को समझते हुए अपने स्वविवेक से कार्य करने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की पूरी जिला टीम को शुक्रिया।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व टीम साथ ही साथ संगठन में काम कर रहे विभिन्न संगठनों के अनुभव मेरा मार्गदर्शन करता है ।
और अंत में शुक्रगुजार हूं सीतामढ़ी जिले के सभी मीडिया बंधुओं का जो मुझे विगत 6 वर्षों में लगातार डांटते हुए, प्यार करते हुए ,दुलारते हुए ,समझाते हुए लेखन कला में तेज धार देने का काम किया है ।
और सबसे ज्यादा उस परमात्मा को और माता जानकी जी को सादर नमन करता हूं जिनकी कृपा से आज मीडिया जगत में हमारी छोटी सी पहचान बनी है।
बस अंत में एक ही बात कहना चाहूंगा लेखन कला बेहतर होने से मीडिया और अखबार नहीं चलता।
बेहतर संबंध मधुर होने से ,व्यवहार कुशल होने से, मृदुभाषी होने से ,और अभिवादन और नमस्कार की प्रेरणा से संपर्क मधुर होते हैं ।
विचारों की प्रधानता को हमेशा से ध्यान रखा गया व्यक्ति की उपस्थिति छूट ही जाती है इसके लिए क्षमा याचना भी चाहिए ।

किसी भी कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का नाम अखबार के पन्नों पर नहीं छप सकता परंतु विचारधारा जीवन तो छपना चाहिए ।
और विचारधारा जीवंत होने से ही किसी भी संगठन का प्रचार और प्रसार होता है। आप सभी को पुनः अपने कार्य अनुभव को साझा करते हुए आपको आदर सहित सादर प्रणाम निवेदन करता हूं ।
विशेष आजन्म आभार मेरे जन्मदाता माता पिता जी को जो प्रथम गुरु है।गुरुदेव श्री विनोद झा जी,श्री फुलगेन पूर्वे जी,श्री गंगा प्रसाद जी,प्रोफ़ेसर अरुण कुमार सिंह जी,प्रोफेसर जितेंद्र कुमार वर्मा जी,प्रोफेसर भारती सिन्हा जी,प्रोफेसर राम सागर सिन्हा जी,प्रोफ़ेसर मुरारी शरण जी,प्रोफेसर विष्णु दयाल साह जी,प्रोफेसर जितेंद्र झा जी,औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के यदुवीर यादव जी,शर्मा सरआशीर्वाद बनाए रखिए ।
और मां भारती की सेवा में यह सिपाही हमेशा से खड़ा है और आगे भी खड़ा ही रहेगा।मेरी लेखनी की धार और बुद्धि राष्ट्र को समर्पित है।आगे भी रहेगा। मैं रहूं या ना रहूं यह देश रहना चाहिए ।
आलेख संकलन : – आग्नेय कुमार, समाजिक सचेतक, सीतामढ़ी,बिहार।
वंदे मातरम। भारत माता की जय ।
