सीतामढ़ी-डुमरा, कला – संगम एवं पंडित चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में तथा मुरादपुर पंचायत के मुखिया संजीव बाजितपुरी के सौजन्य एवं जिले के चर्चित हास्य-व्यंग्यकार गीतकार गीतेश के संयोजकत्व में रविवार को बाजितपुर स्थित रामाश्रय पुस्तकालय में ‘बाल एवं युवा कवि-सम्मेलन’ का भव्य आयोजन किया गया। मुखिया श्री बाजितपुरी ने बाल व युवा कवियों को अंग वस्त्र, डायरी, कलम एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया तथा अपने वक्तव्य से हौसला आफजाई की।पुस्तकालय के सचिव पंचदेव कुमार ने स्वागत संबोधन किया।

मौके पर उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों ने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट के इस दौर में साहित्य से कट रहे बच्चों और युवाओं में साहित्यिक चेतना जागृत करने के उद्देश्य से ऐसी पहल सराहनीय है।

ऐसे कार्यक्रम के आयोजन से बच्चों और युवाओं को एक नया आयाम मिलेगा साथ ही समाज में अच्छा संदेश जाएगा। वक्ताओं में वरिष्ठ कवि रमाशंकर मिश्र, नामचीन शायर मोहम्मद कमरुद्दीन नदाफ, रामबाबू सिंह बनगांव , कवि कृष्णनंदन लक्ष्य, दीपक कुमार, अमित सौरभ एवं समाजसेवी शैलेंद्र कुमार आदि प्रमुख थे । कवि- सम्मेलन की अध्यक्षता सचिन सिंह व संचालन युवा कवि श्रवण शौर्य ने किया।

कवि-सम्मेलन का आगाज बाल कवि समर राज की कविता ‘माता ,पिता ,गुरु की आंखों के हम तारे हैं, बच्चे हैं हम, सच्चे हैं हम ,लोगों के हम प्यारे हैं’ से हुआ। बाल कवि आदर्श सौरभ की रचना ‘हम नन्हे से फूल हैं, मंदिर मेरा स्कूल है’ ने महफिल को गति प्रदान की । बाल कवि अभिनव आनंद एवं श्रेयांश राज के अलावा युवा कवि सचिन सिंह की रचना ‘अंधेरा पर लिखते तो कुछ लिखते हैं दिनमान पर’ एवं अर्णव आर्या की कविता ‘बच्चों के जेहन में अब ना दादा-दादी , नाना-नानी है’ने माहौल को जवां बना दिया। शैलेश संयम की कविता ‘भाग रहे सब शहर की ओर, यह दौर बड़ा ही अंधा है’ एवं श्रवण शौर्य की रचना ‘हम अपनी अलग पहचान रखते हैं, ओंठों पे मुहब्बत दिल में हिंदुस्तान रखते हैं’ ने लोगों की भरपूर तालियां बटोरी। उदित प्रभाकर की कविता ‘मुट्ठी में हम सूरज धर लेंगे , सागर को वश में कर लेंगे’ ने महफिल में इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी।

