सीतामढ़ी जिला मुख्यालय में स्थित है विद्यालय ।
चावल के बाबजूद बंद है मध्याह्न भोजन
अमित कुमार की रिपोर्ट
सीतामढ़ी, सुशासन की सरकार व्यवस्था बदहाल जी हां ये कहावत बिलकुल सही बैठती है,प्राथमिक विद्यालय गरैया टोला पर। जिला मुख्यालय में डीएम आवास से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ये विद्यालय जहाँ बच्चे छः महीने से चापाकल के आभाव में पानी पीने के लिए घर जाते है।

इतना ही नही छः महीने से चावल व समान रहने के बाबजूद मध्याह्न भोजन से वंचित है। ऐसा नही की अधिकारी को जानकारी नही,जानकर भी वो अनजान बने है। यू तो इस स्कूल में 80 बच्चे नामांकित है जिनके बैठने के लिए दो कमरे व एक बरामदा है।

जिसमे एक कमरे में खाना बनाने व चावल रखने की व्यवस्था है वही दूसरे रूम में तीन क्लास के बच्चो की पढ़ाई व ऑफिस का सामान रखा है। वही बरामदे पर दरी पर वर्ग 1 व 2 की पढ़ाई होती है। बरामदे पर दो शौचालय भी बना है, जबकि चापाकल सड़क किनारे गारा गया है। इन 80 बच्चो को पढ़ाने के लिये 1 प्रधानाध्य।पक समेत 1 शिक्षक व 2 शिक्षिकाएं है, साथ ही एक शिक्षा सेवक भी तैनात है। मध्याह्न भोजन इतने दिनों से बंद रहने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानाध्यपक भूपेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि कई बार बैठक में, बीआरसी पर व पीएचडी को लिखित भी दे चुके है बाबजूद छः माह बीतने के बाबजूद चापाकल नही बनवाया गया। एक बार शिक्षा समिति के अध्यक्ष से मिलकर पैसा देकर पाईप लगवाया गया , परंतु सुक्सीस नही हुआ। कहती है बीईओ:- प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि जानकारी मिली है चापाकल ठीक कराने के लिये पीएचईडी को लिखा जाएगा,साथ ही बच्चो का मध्याह्न भोजन जल्द ही शुरू कराया जाएगा।

वही विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र पासवान ने रविवार तक चापाकल चालू करा दिया जाएगा। ऐसे में जब जिला मुख्यालय में अधिकारियों की जानकारी में रहने के बाबजूद बच्चो के मध्याह्न भोजन पर ग्रहण लग सकता है तो ग्रामीण क्षेत्रो का क्या हाल होगा।




