हेमा सिंह की कलम से…….

हम रहे न रहे देश मेरा रहे !
यूँ ही आबाद मेरा तिरंगा रहे!
जान है, शान है देश मेरे लिए
आन है बान है देश मेरे लिए।
ये तिरंगा कभी मेरा झुक न सके
इसके आगे कोई शत्रु टिक न सके ।
हम रहे न रहे देश मेरा रहे !
यूँ ही आबाद …….. ……….।
इसकी खातिर जवानी लुटाई गई
एक लंबी लड़ी थी लडा़ई गई।
गोलियां झेली कितनों को फाँसी हुई
देश आजा़दी हित जंग खासी हुई।
हम रहे न रहे देश मेरा रहे !
यूँ ही आबाद मेरा.. …………!
चंद्रशेखर भगत सिंह को है नमन !
नेता जी को नमन, लक्ष्मी जी को नमन!
रक्त से भारती का था सींचा चमन ।
उन हजारों सपूतों को शत -शत नमन!
हम रहे न रहे देश मेरा रहे !
यूँ ही आबाद…………… . …..।
यह तिरंगा नहीं है मेरी जान है।
देश आजाद है इसकी पहचान है।
जान जाए तो जाए मगर यह रहे !
यह तिरंगा फहरता फहरता रहे !
हम रहे न रहे देश मेरा रहे !
यूँ ही आबाद …………….!
बढ़ चलें हर कदम साथ मेरा रहे
सबसे अद्भुत , अगम देश मेरा रहे!




