ब्यूरो रिपोर्ट
आज भले ही पूरा देश आजादी के 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है परंतु सीतामढ़ी के शहीदों एवं आजादी के दीवानों का सही मायने में अब तक सच्ची श्रद्धांजलि नहीं मिल पाई है। उक्त बातें शिक्षाविद, शहीद रामफल मंडल एवं अन्य गुमनाम शहीदों के जीवनी के लेखक एवं शोधकर्ता विनोद बिहारी मंडल ने दुख जताते हुए कहा।

शोधकर्ता विनोद बिहारी मंडल
उन्होंने कहा कि देश को आजाद करने में सीतामढ़ी के दर्जनों जावांजो ने अगस्त क्रांति में फांसी को गले लगाया तथा सीने पर गोलियां खाई ।जेल में यातनाएं सहकर देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। जिसमें बाजपट्टी मधुरापुर के शहीद रामफल मंडल को तत्कालीन अंग्रेजी सरकार के एसडीओ एवं पुलिसकर्मी के हत्या के आरोप में 23 अगस्त 1943 ई को भागलपुर सेंट्रल जेल में फांसी तथा वनगांव के जानकी सिंह को सीने में गोली लगने एवं प्रदीप सिंह को काला पानी की सजा में मौत हो गई।

पुपरी के महावीर गोप गंभीरा राय, सहदेव साह, राम बुझावन ठाकुर, रामचरण मंडल । चोरौत के भदई कबाङी, सुरसंड के जय सुंदर खतवे, तथा राम लखन गुप्ता। रीगा के मथुरा मंडल ,मौजे झा ,सुंदर महरा ,नन्नू मियां । बेलसंड तरियानी के वंशी ततमा,सुखन लोहार, गूगल धोबी, परसत तेली, बलदेव सुढ़ी , छट्ठू कानू ,बिकन कुर्मी, बंगाली नुनिया ,बुधन कहार, नौजाद सिंह, भूपन सिंह, सुखदेव सिंह , जय मंगल सिंह, बुझावन चमार सहित आवापुर बाचोपट्टी नरहा, एवं रामपुर हरि के शहीदों ने सीने में गोली खाकर शहादत दी।

उन्होंने अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ सीतामढ़ी सहित सभी शिक्षक संघो के प्रस्ताव पर शिक्षा विभाग सीतामढ़ी द्वारा शहीद रामफल मंडल के शहादत दिवस 23 अगस्त के अवसर पर जिले के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में शौर्य दिवस मनाने हेतु अवकाश घोषित करने पर धन्यवाद दिया।
श्री मंडल ने जिला प्रशासन ,सामाजिक संगठनों, राजनैतिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों सभी नीजी एवं सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों सहित सभी देशभक्तों से शौर्य दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा ,प्रभात फेरी के साथ जिले के शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की। तथा अपने अपने क्षेत्रों के स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास पर शोधकार्य करने की अपील की।


